मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रमजान के महीने में 50 से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रोजा रखते हुए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का काम कर रही है। राजधानी में पारा 40 के पार जा रहा है। ऐसे में पीपीई किट पहन कर सर्वेक्षण करना बेहद कठिन हो जाता है। लेकिन ये महिलाएं अपने फर्ज के साथ इबादत कर रही है। इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना के हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में जाकर सर्वेक्षण करना है। ये महिलाएं पूरा दिन बिना कुछ खाए-पीए सर्वेक्षण में लगी हुई है। शाम होने पर ये घरों को लौटती हैं और इफ्तार करती हैं।
इन कार्यकर्ताओं ने बताया कि मई का महीना शुरू हो चुका है। धूप बहुत तेज होती है। इस दौरान हमें सर्वेक्षण के लिए जाना होता है और साथ ही पीपीई किट भी पहननी होती है। गर्मी की वजह से पीपीई किट पहनना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन हमारी ड्यूटी सबसे पहले है। हम तो बस दुआ कर रहे हैं कि ये सब जल्द से जल्द ठीक हो जाए और स्थिति पहले की तरह सामान्य हो जाए।
उन्होंने बताया कि रमजान का महीना चल रहा है। इसलिए इस पाक महीने में रोजा भी रखना होता है। हम रोजा रखकर इबादत कर रहे हैं, क्योंकि यह साल में एक बार आता है। इसे छोड़ भी नहीं सकते। कोई इस बात को नहीं जानता कि अगले साल यह पाक महीना नसीब में होगा या नहीं।