Uttrakhnad-लॉकडाउन_3: देवभूमि में देवों के द्वार दर्शन के लिए बंद-दारू के लिए खुले…

रिपोर्ट हमज़ा राव

त्रिवेंद्र सरकार को शायद इस बात का एहसास नहीं हुआ होगा कि शराब की बिक्री की शुरुआत के बाद हालात काबू से बाहर हो जाएंगे. शराब की दुकान के बाहर लोगों की लंबी लाइन दिखी तो वहीं लोग सड़कों पर बेवजह घूमते भी नजर आए…

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पूरे देश में कोरोना का कहर किसी से भी छुपा नहीं है. देश के साथ ही उत्तराखंड के हालात भी सामान्य नहीं है. इस बीच सरकार ने प्रदेश में कुछ रियायतें देने का फैसला लिया और इसमें सबसे बड़ा फैसला रहा प्रदेश में शराब की बिक्री की शुरुआत करना।

हालांकि, त्रिवेंद्र सरकार को शायद इस बात का एहसास नहीं हुआ होगा कि शराब की बिक्री की शुरुआत के बाद हालात काबू से बाहर हो जाएंगे. कई किलोमीटर तक शराब खरीदने के लिए लोगों ने सुबह से ही लाइन में लगना शुरू कर दिया, जिसका नंबर आया वो एक दो नहीं बल्कि शराब की बोतल की कई पेटियां खरीद कर ले गया.

करोड़ों की शराब बिकी…

लोग ये समझ बैठे हैं कि अब दुकान खुलेगी ही नहीं. ये हाल सिर्फ देहरादून का ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का है. सिर्फ 3 घंटे में ही शहर की आधी से ज्यादा दुकानें खाली हो गईं. करोड़ों की शराब अब तक बिक चुकी है.

ऐसे में जिस देवभूमि में देव दर्शन के लिए सभी द्वार बंद हैं, चारधाम के दर्शन आम लोगों के लिए बंद हैं. वहां ‘दारू’ की दुकानों के द्वार खुले हैं.

लॉकडाउन में रियायतें…

40 दिन पार होने के बाद सरकार ने लॉकडाउन 3.0 की शुरुआत की. इसमें आमजन की सहूलियत के लिए कुछ रियायतें दी गईं हैं, ताकि इतने दिनों से घरों में कैद लोग अपनी तमाम जरूरत का सामान खरीद सकें,

व्यापारी वर्ग अपने व्यापार को किसी तरह शुरू कर सकें. मगर पहले ही दिन का आलम ये है कि लॉकडाउन धड़ाम हो गया. तमाम मेहनत जो सरकारों द्वारा की गईं उनकी धज्जियां उड़ गईं।

लॉकडाउन की उड़ी धज्जियां…

इतने दिनों से पुलिस ने जिस मेहनत से लॉकडाउन का पालन कराया वो एक ही दिन में मानो मुंह चिढ़ाने लगा हो. लॉकडाउन 3.0 के पहले ही दिन लॉकडाउन की धज्जियां उड़ती हुई दिखाई दीं.

सड़कों पर एक तरफ भारी संख्या में गाड़ियां रेंगती हुई नजर आईं. स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस की भारी मशक्कत जारी रही, मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात वाला ही रहा.

गोले में खड़े नजर नहीं आए लोग…

सरकार के सख्त निर्देश के बाद भी देहरादून के घंटाघर का नजारा बेहद ही चिंताजनक नजर आया. कुछ लोग सड़कों पर बेवजह घूमते हुए नजर आए, तो कुछ लोगों द्वारा लॉकडाउन की सख्ती का मजाक उड़ाया गया. दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के गोले नजर आए,

लेकिन लोग उसमें खड़े हुए नजर नहीं आए. शराब खरीदने के लिए लंबी लाइन में लगे लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इतने दिनों से घरों में कैद हैं, तो कुछ तो बनता ही है.

नियंत्रित करती नजर आई पुलिस…

लॉकडॉन पार्ट-3 का पहला ही दिन पुलिस के लिए भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं रहा. सड़कों पर बेवजह घूमने वाले लोगों को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा.

एसपी सिटी श्वेता चौबे, सीओ सिटी शेखर सुयाल खुद सड़कों पर स्थिति को कंट्रोल करते हुए नजर आए, लेकिन राजधानी देहरादून के लोगों को मानो आज घर से निकलने की हरी झंडी मिल गई हो. ऐसा लग रहा है मानो कोरोना पर लोगों ने विजय पा ली हो।।

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