विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शुक्रवार को 21 ऐसे फर्जी यूनिवर्सिटी का खुलासा किया है जो धडल्ले से चल रहे हैं और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यूजीसी ने इन विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित करते हुए कहा है कि इनमें से किसी के पास डिग्री देने का करने का अधिकार नहीं है। दिलचस्प बात ये है कि इनमें से ज्यादातर फर्ची यूनिवर्सिटी दिल्ली और फिर उत्तर प्रदेश में है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन के मुताबिक ये फर्जी यूनिवर्सिटी यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन करती हैं। इसी वजह से गैर-मान्यता प्राप्त इन संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया गया है और इन्हें कोई डिग्री देने का अधिकार नहीं है।
यूजीसी की लिस्ट में उत्तर प्रदेश की जिन चार यूनिवर्सिटी को फर्जी घोषित किया गया है उनमें गांधी हिंदी विद्यापीठ, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी और भारतीय शिक्षा परिषद का नाम शामिल है। यूजीसी के मुताबिक दिल्ली और यूपी के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केरल में भी सूची में फर्जी यूनिवर्सिटी है।
यूजीसी की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक छात्रों और जनता को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में 21 गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान जो यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन करते हैं। उन्हें फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया गया है और इन्हें कोई डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं है।
यूजीसी के मुताबिक डिग्री प्रदान करने का अधिकार केवल एक केंद्रीय अधिनियम, एक प्रांतीय अधिनियम या एक राज्य अधिनियम या एक संस्थान द्वारा स्थापित किया जा सकता है जो धारा 3 के तहत एक विश्वविद्यालय माना जाता है।