मौसम का चक्र बदला:100 दिन के बजाए 30 दिन ही सताएगी गर्मी, जानिए कारण

वायुमंडल के मौसम चक्र में इस बार काफी बदलाव सामने आए हैं। वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि ग्रीष्मकालीन सत्र के दौरान करीब सौ दिन तक प्रभावी रहने वाली गर्मी पहली बार सिर्फ तीस दिन के लिए आंशिक रूप से प्रभावी होगी। वैज्ञानिकों की मानें तो यह पहला अवसर है जब गर्मी के सीजन के औसतन तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट होगी।

विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम चक्र में परिवर्तन हुआ है। इसके अलावा पूर्व से ही मानसून 10 से 15 दिन आगे शिफ्ट हुआ है। इस बार लगातार हो रही वर्षा से मानसून की स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि गर्मी के दिनों में काफी कमी रहेगी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि लगातार गर्मी पड़ने के आसार भी कम हैं, जबकि बीच-बीच में तापमान अधिक हो सकता।

आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह के अनुसार इस वर्ष मौसम में विभिन्न तरह के बदलाव देखने को मिले हैं। जिससे मौसम चक्र परिवर्तित हुआ है। सामान्यत: हर साल अप्रैल माह से गर्मी का प्रभाव शुरू हो जाता है। जोकि अप्रैल, मई, जून यानि तीन महिने तक चरम पर रहता है।

जून पहले सप्ताह में प्री-मानसून की दस्तक


भीषण गर्मी के ग्रीष्मकालीन सत्र के बाद जून पहले सप्ताह में प्री-मानसून दस्तक देता है। इस दौरान कोहरा, बादल और बूंदाबादी का दौर शुरू हो जाता है। जिसके बाद मानसून प्रभावी होता है। हर वर्ष करीब 15 जुलाई के बाद वर्षाकाल शुरू हो जाता है। इस दौरान जमकर बारिश होती है। हालांकि यह भी खास बात है कि इस वर्ष अबतक भी बारिश का सिलसिला जारी है।

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