मणिपुर मामले में अगली सुनवाई सात अगस्त को ,जानिए क्या क्या हुआ कोर्ट में आज……..

आज सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और वायरल वीडियो मामले में सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा है कि एक बात तो साफ है कि मामले में एफआईआर दर्ज करने में काफी देर हुई।

मणिपुर में एक महिला को कार से निकालकर बेटे के सामने मार देने की घटना का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह 4 मई को हुआ था, लेकिन मामले में एफआईआर सात जुलाई को दर्ज हुई।

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने मणिपुर सरकार को घेरते हुए कहा कि सिर्फ एक-दो एफआईआर के अलावा कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। जांच भी ढीली ढाली रही। एफआईआऱ दो महीने बाद दर्ज हुईं और बयान तक दर्ज नहीं किए गए।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली बेंच ने महिलाओं की ओर से पेश हुए वकील निजाम पाशा के आवेदन पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि महिलाओं को आज दिन में सीबीआई के सामने बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। हालांकि, केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से पेश हुए वकील एसजी तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

आईए जानते है सुनवाई के दौरान क्या हुआ–
• सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बतया कि राज्य सरकार ने जातीय हिंसा भड़कने के बाद 6,523 प्राथमिकियां दर्ज कीं। राज्य पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने से जुड़े मामले में जीरो प्राथमिकी पांच मई को ही दर्ज कर ली थी। मामले में एक नाबालिग समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
• सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसा लगता है कि पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद उनका बयान दर्ज किया।
• कोर्ट ने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना तथा इस घटना, जीरो प्राथमिकी, नियमित प्राथमिकी दर्ज किए जाने की तारीखों का विवरण मांगा।

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