मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ उत्तराखंड में वापस आय प्रवासी मजदूरों को प्रदान किया जायेगा। राज्य के प्रवासी मजदूरों को अपना खुद का उद्योग शुरू करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और अन्य शैडयूल्ड बैंकों के माध्यम से लोन मुहैया कराया जायेगा ।मुख्यमंत्री ने दूधली में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत समेकित सहकारी विकास परियोजना व गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशु क्रय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड़-19 की स्थितियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में प्रवासी भाईयों को उनके घर पहुंचाया गया है। मनरेगा में 36 हजार नए रजिस्ट्रेशन करते हुए काम उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना में हर घर को नल से जल की आपूर्ति की जाएगी। सरकार की कोशिश है कि लोगों को स्वच्छ पेयजल मिले। वर्तमान में पेयजल कनेक्शन की कीमत 2350 रूपए है। परंतु इतनी राशि हर ग्रामीण द्वारा दिया जाना सम्भव नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वरोजगार की राह पर चलना होगा। हमने प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की है। इसमें ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। लगभग 150 प्रकार के काम इसमें लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में दूध की उपलब्धता को बढ़ाना भी है। इसीलिए निर्णय लिया गया कि योजना के तहत दुधारू पशु राज्य के बाहर से लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत मात्र एक रूपए में पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।