महिला से गैंगरेप, बेल्ट से पीटा फिर निर्वस्त्र कर आधे घंटे तक नचाया, 5 के खिलाफ ….

इंदौर से एक शर्मसार करने वाली खबर सामने आ रही है। इंदौर में 34 साल की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और निर्वस्त्र हालत में नाचने के लिए मजबूर करने का आरोप है। मामले में पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मामला मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के 19 दिन बाद दर्ज किया गया है। उच्च न्यायालय ने पुलिस को महिला की शिकायत पर विचार करके 90 दिन के भीतर इसका निपटारा करने का आदेश दिया था।

अधिकारी ने आगे बताया कि महिला ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है कि आरोपी उसे 11 जून को एक गोदाम में जबरन ले गए जहां उन्होंने टीवी पर गंदी वीडियो देखकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उन्होंने आगे बताया कि महिला ने प्राथमिकी में यह आरोप भी लगाया है कि कथित घटना के दौरान उसे बेल्ट से पीटा गया और निर्वस्त्र हालत में आधे घंटे तक नाचने पर मजबूर किया गया।

पोर्न वीडियो देखकर किया गैंगरेप
अधिकारी ने बताया कि महिला ने कनाड़िया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है कि आरोपी उसे 11 जून को एक गोदाम में जबरन ले गए जहां उन्होंने टीवी पर पोर्न वीडियो देखकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि महिला ने प्राथमिकी में यह आरोप भी लगाया है कि कथित घटना के दौरान उसे बेल्ट से पीटा गया और निर्वस्त्र हालत में आधे घंटे तक नाचने पर मजबूर किया गया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने महिला की शिकायत पर पांच आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान के संबद्ध प्रावधानों में सोमवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की।

किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया- डीसीपी


पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिनय विश्वकर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और फिलहाल किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने आरोपियों के नामों का खुलासा किए बगैर कहा,”जांच में मिले सबूतों के आधार पर मामले में उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।”

90 दिन के भीतर निपटारा किया जाए- मध्यप्रदेश HC


पीड़ित महिला ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में याचिका दायर करके कहा था कि उसने अपने साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म को लेकर कनाड़िया थाने में 17 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इस पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया। अदालत ने कनाड़िया थाने के प्रभारी को 14 अगस्त को आदेश दिया था कि महिला की शिकायत पर विचार करके 90 दिन के भीतर इसका निपटारा किया जाए और उचित कदम उठाए जाएं।

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