चारों तरफ से यलगार है मुस्लिम समाज देख रहा है सब्र कर रहा है खामोश है मगर बेचैन है। कभी गौ रक्षा के नाम पर उनके नौजवानों की लिंचिंग की जाती है कभी उनके बुजुर्गों को पीटा जाता है कभी मस्जिदों को तोड़ा जाता हैं कभी घुसकर मारपीट की जाती है कभी उनके मदरसों को तोड़ने की कार्रवाई की जाती है कभी उनको जिहादी कहा जाता है कभी उनको देशद्रोही कहा जाता है कभी इस्लाम को बदनाम किया जाता हैं कभी क़ुरान ए करीम की बेअदबी कभी नबी की शान में गुस्ताखी। यह सब किया जा रहा है और मुसलमानों के वजूद पर कीचड़ उछाली जाती है तो गंगा आखिर मैली कहां है यह बात काबिले गौर है कि मुसलमानो ने भारतवर्ष को अपना मसकन माना इसकी हिफाजत की उसके दुश्मनों को तह तेग किया मगर इस मुल्क को कभी टूटने नहीं दिया जिस बादशाह औरंगज़ेब का नाम बदनाम किया जाता है उनके राज्य काल में भारतवर्ष की सीमाएं और क्षेत्रफल मौर्य वंशज के बाद सबसे ज्यादा था सही मायनों में वह मुगल बादशाहअखंड भारत के रचयिता थे जिन्होंने अपने शासनकाल में भारत की सीमाओं को बढ़ाने के अलावा कोई काम ही नहीं किया हर पल भारत के दुशमनो के खिलाफ लश्कर कशी करते रहे मगर जिन के नसीब में बुराई होती हैं उन्हें बुराई मिलती रहती हैं मगर कितनी भी झूठी कहानी के बाद सच आज भी सच हैं आजादी के बाद भारत में एक नए युग का प्रारंभ हुआ तमाम धर्मो के लोगों ने भारत की नई सरकार से यह अपेक्षा की कि भारत हमारा वतन ऐ अज़ीज़ है और सब यहां अमन और चैन से रहेंगे और हमारे मुल्क खूब तरक्की कर विश्व विजेता बनेगा मुसलमानों का भी यही सपना और विश्वास था मगर देश की आजादी के 75 साल बाद उनको देशद्रोही कहना उनके ही मुल्क में उनको गद्दार कहना अपने आप में एक बहुत बड़ी नाइंसाफी और साजिश है इसमें कोई शक नहीं कि भारतवर्ष का एक तबका बहुत दिन से इस कोशिश में था कि मुसलमानो को आर्थिक और सामाजिक तौर से गुलामी की तरफ धकेल दिया जाए और वह अपनी इस कोशिश में किसी हद आज कामयाब भी हो रहे हैं क्योंकि वो यह सब भारत के कानून को बदल कर इसकी कोशिश कर रहे हैं और यह सब करने के लिए इस समय जो झूठ बोला जा रहा है और उसका प्रोपेगेंडा मुसलमानो के खिलाफ किया जा रहा है उस झूठ से मुसलमानों की नींद खुल गई है और मुस्लिम कौम जो महू ख्वाब थी अब बेदार हो रही है और झूठ की हर कोशिश का कानूनी तौर से जवाब दे रही है। अब जाहिर है उनकी हकूमत हैं तो जुल्म भी बढ़ेगा मगर हकूमते जुल्म आधारित तो चल जाती है मगर ना इंसाफी के साथ नही चलती अभी शायद भारत में लोगो को इंसाफ की उम्मीद है इसलिए हर जुल्म के खिलाफ अदालत का रुख करते हैं और इसी उम्मीद के साथ भारतीय मुसलमान अदालतों में इंसाफ की गुहार लगा रहा हैं उनका यकीन है कि एक दिन बातिल को मिटना हैं और हक को गालिब होना है।
खुर्शीद अहमद