देश मना रहा है आज 74वा गणतंत्र पर्व कर्तव्य पथ पर दिखेगी देश की आन बान शान! रॉफेल से प्रचंड तक …

भारत आज 26 जनवरी को 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार कर्तव्य पथ पर परेड होगी. इससे पहले इस जगह को राजपथ के नाम से जाना जाता था. इस परेड में ‘न्यू इंडिया’ की झलक दिखेगी. इसके साथ ही स्वदेशी सैन्य पराक्रम और नारी शक्ति का प्रदर्शन होगा. राज्यों की झांकियां में सांस्कृतिक विविधता दिखेगी. साथ ही वायुसेना के 50 विमान पराक्रम दिखाएंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्य पथ से राष्ट्र का नेतृत्व करेंगी. इस बार गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी (Abdel Fattah El-Sisi) मुख्य अतिथि होंगे.

कर्तव्य पथ पर दिखेंगी 23 झांकियां

देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और मजबूत आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को दर्शाती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 17 और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से 6 झांकियां भी कर्तव्य पथ पर चलेंगी.

तेजस से प्रचंड तक दिखाएंगे ताकत

भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के नेतृत्व में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल होंगे. वायु सेना की झांकी, ‘सीमाओं से परे भारतीय वायु सेना की शक्ति’ विषय पर तैयार की गई है, जो एक घूमते हुए ग्लोब को दिखेगी. यह भारतीय वायुसेना की पहुंच को उजागर करेगी, यह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके- II, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड’, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी प्रदर्शित करेगा. झांकी में लेजर डेजिग्नेशन उपकरण और विशेषज्ञ हथियारों के साथ लड़ाकू गियर में गरुड़ की एक टीम भी प्रदर्शित की जाएगी.

भारतीय नौसेना की टुकड़ी

भारतीय नौसेना दल में 144 युवा नाविक शामिल होंगे, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत कंटिजेंट कमांडर करेंगी. मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हैं. इसके बाद नौसेना की झांकी होगी, जिसे ‘इंडियन नेवी – कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ’ थीम पर डिजाइन किया गया है. यह भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन उपकरणों को प्रदर्शित करेगा.

पूर्व सैनिकों की झांकी
इस वर्ष परेड का एक और आकर्षण पूर्व सैनिकों की झांकी होगी, जिसका विषय होगा ‘संकल्प के साथ भारत के अमृत काल की ओर’ – एक वयोवृद्ध ‘प्रतिबद्धता’. यह पिछले 75 वर्षों में दिग्गजों के योगदान और ‘अमृत काल’ के दौरान भारत के भविष्य को आकार देने में उनकी पहल की एक झलक प्रदान करेगा.

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