हिमाचल प्रदेश में 72 घंटे से ज्यादा की मूसलाधार बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। दो दिन के भीतर 21 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को आठ और लोगों की मौत हो गई है जबकि छह उफनती नदियों और नालों में बह गए हैं। बीते 24 जून को हिमाचल पहुंचा मानसून अब तक 63 लोगों की जान ले चुका है। भूस्खलन के चलते प्रदेश में मंगलवार सुबह 10:00 बजे तक 1239 सड़कें यातायात के लिए बाधित थीं। 2577 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं। 1418 जल आपूर्ति योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। संबंधित विभाग इनकी बहाली में जुटे हैं। शिमला में सबसे ज्यादा 581, मंडी 200, चंबा 116, सिरमौर 101, हमीरपुर व लाहौल-स्पीति में 97-97 सड़कें बंद पड़ी हैं।
स्कूलों में मानसून अवकाश का शेड्यूल बदला
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले/समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है, ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे। सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। वहीं, राज्य में कार्यरत सीबीएसई, आईसीएसई व किसी अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूल अपने स्तर पर अवकाश का फैसला ले सकते हैं।
मंडी के औट में कुछ पर्यटक फंसे
इसी तरह मंडी में 673, शिमला 821, सिरमौर 447, लाहौल-स्पीति 206 व किन्नौर में 261 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। वहीं, भारी बारिश के चलते श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी है। बीच राह में टेंटों में फंसे यात्रियों को मौसम साफ होते ही वापस लाया लाएगा। मंडी के औट में कुछ पर्यटक फंसे हैं। सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं। लगघाटी के फलाण में बादल फटने से 100 बीघा जमीन बह गई है। सरकारी तार स्पेन भी क्षतिग्रस्त हो गया है।