पिछले दिनों मानव संपदा पोर्टल पर आईडी फीडिंग हुई तो एक ही नाम से 25 शिक्षिकाओं की नौकरी अलग अलग जिलों में सामने आई। इतना ही नहीं इन सभी की आईडी भी एक ही थी। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। दो दिन पहले ही लखनऊ से परियोजना निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अंजलि अग्रवाल को पत्र भेजकर कासगंज में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही शिक्षिका की जांच के निर्देश दिए।
शिक्षिका अनामिका शुक्ला के धुंधले दस्तावेजों ने प्रदेश के 25 जिलों के अधिकारियों को धोखा दे दिया। उसके दस्तावेजों में छपी फोटो स्पष्ट नहीं होने के कारण पहचान ही नहीं हो सकी है। महज रोल नंबर के आधार पर ही सत्यापन होते रहे और उसकी जगह कोई और नौकरी करता रहा। मानव संपदा पोर्टल पर जब शिक्षकों की आईडी फीडिंग का काम शुरू हुआ तब एक ही नाम से कई जगह नौकरी करने का मामला सामने आया। कासगंज में गिरफ्तार युवती अनामिका के नाम से नौकरी कर रही थी।
एक नाम कई राज
एक साथ 25 कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी करने की आरोपी शिक्षिका अनामिका शुक्ला का नाम एक ही है, लेकिन फसाने कई हैं। अनामिका के नाम से नौकरी करने वाली शिक्षिका की गिरफ्तारी के बाद कई राज उजागर हुए हैं। आरोपी शिक्षिका ने पूछताछ में कासगंज पुलिस को जो अपना नाम-पता बताया, उसे लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी शिक्षिका ने अपना नाम प्रिया (26) पुत्री महीपाल निवासी लखनपुर, कायमगंज, फर्रुखाबाद बताया। जबकि विभागीय रिकार्ड के मुताबिक अनामिका शुक्ला पुत्री सुभाष चंद्र शुक्ला निवासी लखनपुर जिला फर्रुखाबाद कस्तूरबा विद्यालय में पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका के रूप में तैनात हुई थी।
शिक्षिका की गिरफ्तारी की खबर जब प्रदेश में सुर्खियां बनी तो फर्रुखाबाद से उसके नाम को लेकर एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। कायमगंज क्षेत्र के गांव रजपालपुर के प्रधान अनिल गंगवार के अनुसार कासगंज में गिरफ्तार शिक्षिका प्रिया नहीं, बल्कि उनके गांव की सुप्रिया है। कुछ ग्रामीणों ने फोटो देखकर उसे पहचाना है।
प्रधान अनिल गंगवार ने उसके पिता महीपाल को फोन भी किया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। ग्रामीणों के मुताबिक कायमगंज के एक बेसिक स्कूल के शिक्षक ने सुप्रिया की नौकरी मैनपुरी में कुछ वर्ष पहले लगवाई थी। उधर, आरोपी शिक्षिका के बताए गए पते लखनपुर के प्रधान बबलू पाल ने बताया कि प्रिया नाम की युवती या महीपाल नाम का व्यक्ति उनके गांव में नहीं रहता।
मैनपुरी से जुड़े है तार
शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नाम से प्रदेशभर में हुए फर्जीवाड़े के तार मैनपुरी जिले से जुड़े हैं। कासगंज से गिरफ्तार शिक्षिका ने पूछताछ में बताया कि मैनपुरी के राज नाम के युवक ने उससे डेढ़ लाख रुपये लेकर जो दस्तावेज दिए थे उनके आधार पर नौकरी की, जबकि उसके मूल दस्तावेज युवक ने खुद अपने पास रख लिए थे। पुलिस की जांच में और भी कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
बागपत जिले में अनामिका शुक्ला के नाम मुकदमा दर्ज है, जबकि अब तक की जांच में विभाग ने पाया है कि अनामिका शुक्ला फर्रुखाबाद के गांव लखनपुर की है। वो कायमगंज की नई बस्ती में रह रही थी। फर्रुखाबाद में भी उसके खिलाफ जांच चल रही है। ऐसे में विभाग जांच करा है कि आखिर दस्तावेजों से जालसाज ने किस तरह और क्या-क्या छेड़छाड़ की।