अंधविश्वास दुनिया के कोने-कोने में अब भी फैला हुआ है। कभी-कभी तो उन्हें संस्कृति की धरोहर का एक हिस्सा मानकर अनमोल समझ लिया जाता है और उस अंधविश्वास को सच्चाई से भी बड़ा दर्जा दे दिया जाता है , तो कभी-कभी इनमें विज्ञान ढूंढा जाता है। आज हम आपको एक ऐसा ही मामला बता रहे है। इसको अंधविश्वास कहे या कोई रहस्य इस पर अभी भी प्रश्न चिन्ह है , लेकिन इस गांव में आकर आपको हैरानी जरूर होगी। यूपी के देवरिया में स्थित मझौली राज गाँव वह जाने वाले हर एक इंसान को अजीब अहसास दिलाता है।आपको बता दे की सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह है की इस गांव में बने हर घर जहां जहा निवास करने वाले हर व्यक्ति के घर में तीन दरवाजे लगे हुए है। बुजर्गों के मुताबिक हजारों वर्ष पहले जब सूर्य देव के प्रकोप के कारण एक राजवंश विनाश की कगार पर जा खड़ा हुआ, तो ज्योतिषाचार्यों ने इसका विकल्प तीन दरवाजे के रूप में दिया। जिसे वहां के निवासी आज भी निभा रहे है। गांव की इस परंपरा को वहां रहने वाले हिन्दू और मुस्लिम सभी निभा रहे हैं।
आसपास के लोगों की मानें तो विशेन वंश वाटिका की किताब में ये लिखा हुआ है कि 1416 ईसवी में यहां के राजा बलभद्र नारायण मल्ल के पूर्वजों ने अपनी सुख सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नदी के बीचोबीच अपना महल बनवाया। जिस कारण सूर्य की किरणें विपरीत दिशा से महल पर पड़ने लगीं, जिसे सूर्य वेद कहा जाता था। दिशा विपरीत होने के कारण यहाँ की उन्नति रुक सी गयी थी जिसके बाद यहा के राजा का पाटन होने लगा था। जिसके बाद पूरे राज्य में त्राहिमाम मच गया। इन सब को देखते हुये ज्योतषाचार्यों ने राजा को सलाह दी कि अगर सूर्य वेद से बचना है, तो नगर के सभी घरों में तीन दरवाजे लगाने के आदेश दे दिए जाएं और तब से आज तक सभी घरों में तीन दरवाजे लगने लगे।