ऋषिकेश के टैक्सी मालिक को डरा धमकाकर 20 हजार रुपये वसूलने के आरोप में जौलीग्रांट में तैनात तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर किया गया है। डीआईजी ने तत्काल प्रभाव से आरोपी सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
डीआईजी अरुण मोहन जोशी का आदेश मिलने पर एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल ने देर रात डोईवाला कोतवाली में सिपाही अजय विस्ट, पुष्पेंद्र कुमार और विनीत के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया। इस मुकदमे की विवेचना एसआईएस के निरीक्षक चंदभान अधिकारी के सुपुर्द की गई है।
ऋषिकेश निवासी टैक्सी मालिक अभिनव राय ने डीआईजी अरुण मोहन जोशी से शिकायत की थी कि 19 मई वह रानीपोखरी इलाके से जा रहा था। इसी दौरान जौलीग्रांट पुलिस चौकी के तीन सिपाहियों ने रोक लिया। आरोप है कि इन लोगों ने कार से काला पदार्थ बरामद दर्शाकर उसे आतंकित किया। जेल भेजने की धमकी दी तो उसने घर से लाकर इन पुलिसकर्मियों को 20 हजार रुपये दिए। डीआईजी जोशी ने सीओ राकेश देवली को जांच के आदेश दिए थे। सीओ ने संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए है।
डीआईजी अरुण मोहन जोशी की इस कार्रवाई से साफ है कि चाहे कोई पुलिसकर्मी हो या आम आदमी नियमों का पालन न करने पर सब पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले में डीआईजी ने सख्त रुख अपनाते हुए तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है।
डीआईजी ने बताया कि ये मामला गंभीर है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि आगे से कोई पुलिसकर्मी ऐसा अपराध न करें और इससे सबक लें।