कोरोना वायरस ने देश में जिस राज्य में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है, वह महाराष्ट्र है। इसके चलते उद्धव सरकार पर भी लगातार विपक्ष निशाना साध रहा है। महाराष्ट्र में अभी तक 54 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, एक तिहाई मामले तो सिर्फ मुंबई में आए हैं, जहां संक्रमितों की संख्या 32,974 हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उद्धव सरकार पर कोरोना के मुद्दे पर फैसले न ले पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर अपनी पकड़ ढीली कर ली है। हालांकि, ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फडणवीस ने उन आरोपों को सिरे से नकार दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि बीजेपी महाराष्ट्र सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। वहीं, अटकलों के बीच उद्धव ठाकरे ने गठबंधन दलों की आज बैठक भी बुलाई है।
फडणवीस ने कहा, ‘मुंबई में लोग सड़क पर मर रहे हैं। अस्पताल ज्यादा कीमत वसूल रहा है। संक्रमितों और मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। औसत के तौर पर, पिछले महीने राज्य में हर दिन तकरीबन 3500 लोगों की टेस्टिंग रोजाना हुई, जिसमें से 32 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव निकले। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रतिशत सिर्फ 4.5 फीसदी ही है।’
एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत दोनों ने ही उद्धव सरकार पर किसी भी तरह के खतरे से इनकार किया। शरद पवार ने एनडीटीवी से कहा कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है। सरकार अंत तक चलेगी, इसमें कोई दो राय नहीं। यह आश्चर्यचकित करने वाला है कि बीजेपी को लग रहा हैकि महाराष्ट्र सरकार अस्थिर है। हम सभी कोरोना वायरस महामारी पर फोकस कर रहे हैं। वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना सरकार राज्य में कार्यकाल पूरा करेगी।