समाजवादी पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के जिला स्तरीय प्रबंधन में फेल रही।
प्रदेश स्तर पर भी निगरानी में ढिलाई दिखी।
कुछ जिलों में ‘अपनों’ के बागी तेवर ने भी मुश्किलें बढ़ा दीं।
पार्टी की नीति निर्धारकों में शामिल दूसरी पंक्ति के नेता अपने जिले में भी करिश्मा नहीं दिखा पाए।
जबकि एक सीट सपा के समर्थन से रालोद को मिली। पिछले चुनाव में सपा को 59 सीटें मिली थीं।