छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का खतरा प्रतिदिन औसतन 10 से 12 मरीज सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में जांच और इलाज की पूरी व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं। उनका दावा है कि स्वास्थ्य संबंधित सभी सुविधाएं हर समय उपलब्ध हैं।
माह के भीतर तकरीबन 18 लोगों की मौत हुई है, जबकि 300 से अधिक स्वाइन फ्लू लक्षण वाले मरीज मिल चुके है
बता दे, स्वास्थ्य विभाग ने सावधानी बरतने के लिए लोगों से अपील की है। लोगों से भीड़भाड़ वाले स्थानाें पर नहीं जाने, मास्क लगाने और बीमारी के लक्षण होने पर तत्काल अस्पताल पहुंचने के लिए कहा है। बीमारी से एक माह के भीतर तकरीबन 18 लोगों की मौत हुई है, जबकि 300 से अधिक स्वाइन फ्लू लक्षण वाले मरीज मिल चुके है, वर्तमान में 112 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। वहीं, 13 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। राजधानी में स्वाइन फ्लू का पहला केस जुलाई के पहले सप्ताह में पाया गया था। कांकेर का मरीज निजी अस्पताल में भर्ती था। उसे इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था।
किसी भी तरह की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर चौबीसों घंटे संपर्क साधा जा सकता है
विभाग के अधिकारियों का साफ-साफ कहना है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण आते ही तत्काल जांच कराएं। नहीं तो इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है। बिलासपुर, राजनांदगांव व अन्य जिलों में जिन मरीजों की मौत हुई है, वे काफी विलंब से अस्पताल पहुंचे थे। किसी भी तरह की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर चौबीसों घंटे संपर्क साधा जा सकता है, स्वाइन फ्लू एक संक्रमण और जानलेवा है, जो एक प्रकार के फ्लू (इन्फ्लूएंजा) वायरस के कारण होता है। इन्फ्लूएंजा से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसलिए मरीजों को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड की जरूरत पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे प्रदेश में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए जाने का दावा किया हैं। जिला अस्पतालों और मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान शामिल हैं
स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य मानव फ्लू के लक्षणों के समान ही होते हैं। इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान शामिल हैं। कुछ लोगों ने दस्त और उल्टी की भी शिकायत होती है।
सर्दी, खांसी और कफ के साथ तेज बुखार से पीड़ितों का स्वाइन फ्लू टेस्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी शासकीय अस्पतालों में आइसोलनेश वार्ड बनाए गए हैं। लक्षण नजर आते ही लोग तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं। अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में टैमी फ्लू, एन-95 मास्क उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा