बिहार के रोहतास जिले से ताल्लुक रखने वाले प्रशांत किशोर (पीके) चुनावी रणनीतिकार से बने नेता। प्रशांत किशोर ने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी कैंपेन डिजाइन किया था। प्रशांत किशोर का आज राजनेतिक दल के रूप में डेब्यू हो रहा है साथ ही पार्टी के लांचिंग के बाद भी जन सुराज पदयात्रा रहेगी जारी ।
8 दलो की चमकाई थी किस्मत
2014 में पीएम मोदी का कैंपेन डिजाइन किया था और 2015 में इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) के के साथ बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इलेक्शन कैंपेन और स्ट्रेटजी की जिम्मेदारी संभाली साथ ही सीएम की सात कमिटमेंट्स को जनता तक पहुंचाया. बिहार चुनाव जीतने पर, नीतीश कुमार ने किशोर को अपना सलाहकार बनाया उसके बाद 2016 में पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए प्रशांत किशोर को नियुक्त किया जिस के बाद 2017 में प्रशांत किशोर की रणनीति से चुनाव लड़कर कांग्रेस पंजाब में सत्ता में लौटी। 2017 के यूपी चुनावों के लिए कांग्रेस ने किशोर को नियुक्त किया, लेकिन यहां उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद 2017 में वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने किशोर को अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया जिसमे उन्होंने रेड्डी के चुनावी अभियानों की एक सीरीज को डिजाइन किया और वाईएस आरसीपी ने 175 सीटों में से 151 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की उसके बाद प्रशांत किशोर 2020 में दिल्ली के आम आदमी पार्टी के चुनावी रणनीतिकार बने जिस से आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटों पर जीती हासिल की। उसके बाद प्रशांत किशोर 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस के सलाहकार बनाया गया तो उनकी सफल रणनीति से ममता बनर्जी को 213 सीटों पर भारी जीत मिली। उसके बाद साल 2021 में वे DMK प्रमुख एम के स्टालिन के रणनीतिकार थे. उनके मैनेजमेंट में DMK ने 159 सीटों के साथ चुनाव जीता और स्टालिन पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने।