महाराष्ट्र के कई जिलों में बुधवार को निसर्ग तूफान के चलते भारी बारिश हुई और राज्य के रायगढ़ जिले में तूफान के टकराने से लैंडफॉल हुआ है। कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे जड़ों से उखड़ गए। कई जगहों पर बत्ती गुल होने की खबर है।
इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के मद्देनजर क्या करें और क्या न करें की सूची बुधवार को जारी की। टि्वटर पर एक ग्राफिक साझा करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने लोगों से अनुरोध किया कि वे टीवी और रेडियो पर आधिकारिक दिशा निर्देशों पर ध्यान दें और अफवाहों पर ध्यान न दें या उन्हें न फैलाएं। ठाकरे ने कहा कि लोग अपने घरों के बाहर रखी ढीली चीजों को बांधें और बैटरी से चलने वाले उपकरणों का नियमित तौर पर निरीक्षण करें।
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति मिट्टी से बने घर या झोंपड़ी में नहीं रह रहा है तो उसे अपने घर का एक कोना चुनना चाहिए जहां आपात स्थिति में शरण ली जा सकें और इसका अभ्यास करना चाहिए कि चक्रवात के दौरान परिवार के सभी सदस्य इस स्थान का इस्तेमाल कैसे करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमरे के बीच में रहे, कोनों से बचकर रहे क्योंकि मलबा अकसर कोनों में ही एकत्रित होता है। उन्होंने लोगों से मजबूत फर्नीचर जैसे कि स्टूल, भारी मेज या डेस्क के नीचे छिपने तथा इसे मजबूती से पकड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अपने सिर और गर्दन को बचाने के लिए हाथों का इस्तेमाल करें।
मुख्यमंत्री ने लोगों से जरूरतमंद जैसे कि बच्चों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों और बुजुर्गों की मदद करने के लिए भी कहा। उन्होंने मछुआरों से अपनी नौकाओं को किसी सुरक्षित स्थान पर बांधकर रखने और अतिरिक्त बैटरियों के साथ अपने पास एक रेडियो रखने के लिए कहा।
ठाकरे ने लोगों से कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें या उन्हें फैलाए नहीं। उन्होंने कहा, ‘चक्रवात के दौरान कोई वाहन चलाने या उसमें सवार होने की कोशिश न करें। क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहे।’ उन्होंने लोगों से तेल व अन्य ज्वलनशील पदार्थ को फैलने न देने और फौरन उन्हें साफ करने का भी अनुरोध किया।
साथ ही उन्होंने मछुआरों से अनुरोध किया कि वे खराब मौसम के कारण समुद्र में न उतरे। इस बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने संबंधित अधिकारियों को समुद्र तथा आठ वार्डों में अन्य खतरनाक स्थानों के समीप रह रहे लोगों को अस्थायी तौर पर नगर निकाय के स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए कहा।
शहर में सड़कों पर लगे 5,000 सीसीटीवी कैमरों की मदद से आपदा नियंत्रण कक्ष से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। बीएमसी ने बताया कि जलभराव से बचने के लिए शहर में छह पम्पिंग स्टेशनों पर 300 से अधिक पम्प लगाए गए और पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया गया है।