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शोरूम मालिक ने दिखाई दरियादिली- गारमेंटस और जूते का शोरूम ईदी में गरीबों पर क्या पूरा दान…

  • कोरोना की वजह से जारी लोक डाउन ने गरीब-मजदूर और असहाय लोगों के लिए कई तरह की मुश्किलें पैदा कर दी
  • ऐसे लोगों की जिंदगी में ईद की खुशियां बिखेरने के लिए कैराना के एक व्यापारी ने
  • ईदी (उपहार) के तौर पर अपने गारमेंट और जूते के शोरूम का सारा सामान गरीबों में बांट दिया।
  • शब्बू ने मां रहीसा के कहने पर शोरूम का पूरा सामान किया दान।

कैराना। कस्बे के एक रेडीमेड गारमेंट और जूता शोरूम संचालक ने अपने शोरूम का पूरा स्टॉक गरीबों को दान कर दिया। डीएम ने इसके वितरण की शुरूआत की।
तहसील के सामने गोल्ड प्लाजा नाम से रेडीमेड गारमेंट्स और जूते का तीन मंजिला शोरूम है। शुक्रवार को इसके मालिक इंतजार उर्फ शब्बू ने अपने शोरूम के सभी रेडीमेट कपडे़ और जूते गरीबों को दान कर दिए।

शोरूम मालिक इंतजार उर्फ शब्बू ने बताया कि लॉकडाउन के कारण लोग परेशान हैं। काम धंधा नहीं चल रहा। दो वक्त की रोटी मिलनी भी मुश्किल हो रही है। आर्थिक तंगी की वजह से बहुत से गरीब लोग ईद पर भी कपड़े जूते आदि खरीदने की हालत में नहीं है। इसलिए उनकी मां रहीसा ने शोरूम का पूरा सामान दान करने को कहा। मां ने कहा कि अल्लाह का दिया हमारे पास सब कुछ है। उनके दान किए कपड़े और जूते पहनकर गरीबों की ईद तो मनेगी। इन लोगों की दुआओं से वह लोग तो फिर कमा लेंगे।

इसलिए वह शोरूम का पूरा स्टॉक दान कर रहे हैं। दोपहर बाद करीब तीन बजे डीएम जसजीत कौर इनके शोरूम पर पहुंची और निर्धन लोगों को कपड़े और जूतों का वितरण शुरू कराया। 
डीएम जसजीत कौर ने कहा कि कोरोना संकट में शोरूम संचालक का ये निर्णय सराहनीय है। उनके इस कदम से कई लोगों को कपडे़ जूते मिले हैं। गौरतलब है कि इससे पहले लॉकडाउन के दौरान गोल्ड प्लाजा के मालिक इंतजार करीब हजारों परिवारों को राशन किट वितरित कर चुके हैं।

नए कपड़े पा चेहरे खिले
सैकड़ों गरीब बच्चों को दोपहर के बाद जैसे ही नए कपड़ों के थैले और जूते मिले उनके चेहरे खिल उठे।

पांच हजार राशन किट भी बांट चुके
लॉकडाउन के दौरान इंतजार करीब पांच हजार गरीब परिवारों को एक-एक माह की राशन किट भी बांट चुके हैं।

दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय के लोग ईद का त्यौहार हर्षोल्लास न मनाए जाने के चलते मायूस नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर लागू किए गए लॉक डाउन के चलते उनकी ईद इस बार फीकी रह सकती है।

यह त्यौहार आपसी प्यार, सौहार्द एवं भाईचारे का प्रतीक है। कोरोना के संक्रमण के चलते इस बार किसी के घर जाना नही होगा। इस बार वे घर में ही रहकर ईद का त्यौहार मनाएंगे।

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