साइबर अपराध अपनी चरम सीमा पर पहुँच चूका है अमूमन आपने साइबर फ्रॉड सुने होंगे और देखे भी होंगे ये एक ऑनलाइन घोटाले से शुरू हुआ खेल डिजिटल अरेस्टिंग तक पहुँच चूका है जिसने न जाने कितने लोगो की ज़िन्दगी तबाह करदी है जी हाँ न जाने कितने लोगो का खाता एक गलती की वजह से खली हो चूका है। और अब उनके पास मात्र पछतावे के और कुछ नहीं बचा।
क्या है डिजिटल अरेस्ट
डिजिटल अरेस्टिंग एक ऐसा साइबर फ्रॉड्स का जाल है जिसमे आप मात्र लालच और डर से चंद मिनटों में कंगाल हो सकते है देखिये ये पूरा खेल एक साधारण से msg से शुरू होता है जिसमे आपको कहा जाता है की आपका फ़ोन नंबर बंद करदिया गया फिर आपको msg आएगा जिसपर आपको एक नो दिया जायगा आप उसपर कॉल करेंगे जिसमे आपको एक झांसा दिया जायगा की आप एक पुलिस अधिकारी से बात क्र रहे है। बस एक यही गलती आपको साइबर फ्रॉड यानि डिजिटल अरेस्टिंग के जाल में फसा देती है। बस यही से आपको डिजिटल अरेस्ट कर लिया जाता है आपको skype एक एप्लीकेशन है उसको डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है आपके सामने एक पुलिस अधिखारी की भेस में एक साइबर ठग आपके सामने दिखेगा जो ये दावा करता है की आपके नंबर का दुरूपयोग हुआ है वही आपको ऐसे मामले में फसाया जाता है की आप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जुड़े है या आप संदिग्ध गतिविधियों में साथ है आपको cbi जाँच और रेड का डर दिखाया जाता है बीएस यही डर आपका बैंक खाता खाली करा देता है वो आपको सारा पैसा सरकारी खाते में सुरक्षित रखने की बात करता है और आप उसकी बातो पर विश्वास करके वो कर भी देते है ऐसे ही आप और न जाने कितने लोग डिजिटल अरेस्टिंग के इस जाल में फस कर कंगाल हो चुके है