- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को वसीम जाफर प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं।
- क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के कुछ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले की जांच की मांग की थी।
- कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड क्रिकेट टीम के मुख्य कोच और पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
- उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफउत्तराखंड (सीएयू) पदाधिकारियों पर टीम चयन में मनमानी करने और दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
देहरादून; उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) के कोच पद से इस्तीफा देने वाले वसीम जाफर के मामले का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच का आदेश दिया है। रावत ने रविवार शाम देहरादून में अपने आधिकारिक निवास पर सीएयू के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक दर्शन सिंह रावत ने बताया कि सीएयू के कुछ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पूरे मामले से अवगत कराया था। उनकी बात सुनने के बाद सीएम रावत ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएम की ओर से आवश्यक कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री की ओर से जांच का आदेश कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक ट्वीट के बाद आया। इस ट्वीट में राहुल ने किसी व्यक्ति या संगठन का नाम नहीं लिया था। राहुल गांधी ने 13 फरवरी को एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था, पिछले कुछ वर्षों में नफरत इतनी ज्यादा बढ़ी है कि उसने हमारे प्यारे खेल क्रिकेट को भी अपनी आगोश में ले लिया है। भारत हम सभी का है, इस एकता को बांटने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस ने भाजपा सरकार को खेल को भी सांप्रदायिक करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अगर सीएयू ने योग्यता या अयोग्या के आधार पर जाफर की कोचिंग पर आपत्ति जताई होती तो कोई सवाल नहीं उठता। लेकिन उन पर सांप्रदायिक आरोप लगाना स्वीकार नहीं किया जा सकता है। भाजपा के शासन में खेल भी सांप्रदायिक हो रहा है। यह उत्तराखंड के क्रिकेट के लिए ठीक नहीं है।
पूरा घटनाक्रम आठ फरवरी को तब शुरू हुआ जब वसीम जाफर ने इस्तीफा देने के साथ ही उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन पर गंभीर आरोप लगाए थे। एसोसिएशन को लिखे पत्र में वसीम जाफर ने लिखा कि मैं उन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए दुखी हूं, वो मुझसे बहुत कुछ सीख सकते थे। लेकिन सिलेक्टर और सेक्रेटरी सिलेक्शन में भेदभाव करते हैं और कम क्षमतावान खिलाड़ी को मौका दे रहे हैं। उन्होंने लिखा कि अगर इस प्रकार क्रिकेट एसोसिएशन मेरे काम में हस्तक्षेप करेगी और टीम हित में मुझे सही फैसले नहीं लेने देगी तो मेरा इस पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है।
उनके इस्तीफे पर सीएयू सेक्रेटरी माहिम वर्मा ने आरोप लगाया कि जाफर एक विशेष समुदाय के खिलाड़ियों को बढ़ावा दे रहे थे और शुक्रवार की नमाज के लिए खिलाड़ियों के बीच एक मुस्लिम मौलवी लाए थे। जबकि जाफर ने इससे इनकार किया और कहा कि मामले को सांप्रदायिक रंग देना दुखद है।
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी महीम वर्मा ने कहा था कि उन्हें जो कुछ चाहिए था वह हमने उन्हें दिया। उन्होंने अपने हिसाब से खिलाड़ी, ट्रेनर और बालिंग कोच तक चुनें। लेकिन सैय्यद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट में टीम का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। इसके बाद सिलेक्टर नए खिलाड़ियों को मौका देना चाह रहे थे। उस पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। सैय्यद मुश्ताक अली टूर्नामेंट टी 20 टूर्नामेंट में उत्तराखंड का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था। टीम 5 में से सिर्फ एक ही मैच जीत पाई थी। https://211936d8b9b3e5664a7b7abea7c62421.safeframe.googlesyndication.com/safeframe/1-0-37/html/container.html
मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक दर्शन सिंह रावत ने कहा कि सीएयू के अधिकारियों ने सीएम रावत को पूरे मामले से अगत कराया था। अधिकारियों को सुनने के बाद सीएम ने जांच का आदेश दिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई होगी।