कोरोना संक्रमण के बीच अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन बेशक 17 मई से खोलने की घोषणा हो जाए, पर शिक्षण संस्थानों को खोलना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। शिक्षण संस्थानों में सामाजिक दूरी को बनाए रखना बेहद मुश्किल है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञ सेफ्टी गाइडलाइन बना रहे हैं। वहीं स्कूलों के लिए सरकार ने गाइडलाइन बनाने का जिम्मा शुक्रवार को एनसीईआरटी को सौंपा है।
विशेषज्ञ अधिक संख्या वाले स्कूलों को दो शिफ्टों में चलाने की योजना बना रहे हैं। यहां पर आधे छात्रों को सुबह की शिफ्ट और अन्य को दूसरी शिफ्ट में कक्षा में बुलाया जाए। इसके लिए राज्य सरकारों से छात्रों और शिक्षकों की प्रति कक्षा आंकड़ा, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की रिपोर्ट मांगी गई है। हालांकि दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू, चैन्नई, कोलकात्ता जैसे महानगरों में छात्रों की अत्यधिक संख्या के चलते पहले ही सरकारी स्कूल दो शिफ्टों में चलते हैं।
यह गाइडलाइन देश में कोरोना हालात ठीक होने पर जब शिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा होगी, उससे एक हफ्ता पहले जारी की जाएगी। इन्हीं गाइडलाइन के आधार पर बोर्ड, जेईई मेन, नीट परीक्षा समेत अन्य परीक्षाएंं भी आयोजित होंगी।
इन गाइडलाइन में देश की विभिन्नता व जलवायु को देखते हुए दिशा-निर्देश बनेंगे। हालांकि प्रारंभिक रिपोर्ट में शिक्षण संस्थानों में आगामी एक साल तक प्रार्थना सभा, समूह में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों व सेमिनार पर रोक रहेगी। इसके अलावा छात्रों को स्कूल बस और कक्षा में सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए सिटिंग अरेंजमेंट करना भी शामिल है।