बिहार विधानसभा चुनाव का नतीजा संक्षेप में तो यही है कि नीतीश कुमार की अगुआई में एनडीए को बहुमत मिल है और महागठबंधन सत्ता से दूर रह गया। लेकिन नतीजों के आंकड़ों को खंगालने पर कई दिलचस्प बातें सामने आ रही हैं। तेजस्वी यादव अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को भले ही सत्ता तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन उन्होंने वोटों और सीटों के मामले में बीजेपी को पटखनी जरूर दी है। 2015 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों से तुलना करने पर और भी रोचक तथ्य मिलते हैं।
तीन चरणों में 243 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को 225 सीटें हासिल हुईं तो महागठबंधन ने 110 सीटों के साथ कड़ी टक्कर दी। एनडीए के सहयोगी दलों की बात करें तो बीजेपी को 74, जेडीयू को 43, वीआईपी और हम को 4-4 सीटें मिली हैं। सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है, जिसे 75 सीटें मिली हैं। कांग्रेस को 19 और वाम दलों को कुल 16 सीटें मिली हैं।
वोट शेयर की बात करें तो सबसे अधिक 23.1 फीसदी मत आरजेडी को मिले हैं। कुल 97 लाख 36 हजार 242 लोगों ने ईवीएम में लालटेन के सामने का बटन दबाया। वहीं, इस मामले में बीजेपी दूसरे नंबर पर है जिसे 19.46 फीसदी लोगों ने वोट दिया यानी 82 लाख 1 हजार 408 वोटर्स ने कमल का बटन दबाया। सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे नीतीश कुमार की पार्टी को 15.4 फीसदी यानी 64 लाख 84 हजार 414 लोगों ने वोट दिया। कांग्रेस को 9.5 पीसदी मतदाताओं यानी 39 लाख 95 हजार 3 वोटर्स ने वोट दिया। एलजेपी 5.66 फीसदी (23 लाख 83 हजार 457) वोटों के साथ 1 सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई वहीं एआईएमआईएम 1.24 फीसदी यानी 5 लाख 23 हजार 279 वोट लेकर 5 सीटें जीत गई। अन्य के खातों में 18.8 फीसदी वोट गए हैं।