लगातार स्कैमर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैंअब वर्धमान ग्रुप के मालिक को लगाया सात करोड़ का चूना, किया डिजिटल अरेस्ट…

क्या डॉक्टर क्या अधिकारी और बिजनेसमैन इस बड़ी ठगी का शिकार हो रहे हैं,आमतौर पर इसे डिजिटल अरेस्ट की संज्ञा दी गई है,ओसवाल को डिजिटल अरेस्ट किया गया यानी वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहा गया और केस को खत्म करने के लिए पैसे ट्रांसफर करने के भी आदेश दिए गए।

केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी,सीबीआई, इनकम टैक्स,कस्टम डिपार्मेंट का भी नाम लिया

ओसवाल को डराने के लिए ठगों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी,सीबीआई, इनकम टैक्स,कस्टम डिपार्मेंट का भी नाम लिया। डिजिटल अरेस्ट भारत में एक बड़े स्कैम का रूप ले रहा है। इसके शिकार बड़े-बड़े और पढ़े लिख लोग हो रहे हैं। साइबर ठगी का यह नया तरीका सिर्फ पढ़े-लिखे लोगों को ही शिकार बना रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी स्कैम में वर्धमान ग्रुप के मालिक श्री पॉल ओसवाल (SP ओसवाल) को 7 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। डिजिटल अरेस्ट को लेकर सरकारी एजेंसियां लगातार लोगों को अलर्ट करती रहती है,लेकिन फिर भी लोग इस ठगी का शिकार हो जाते हैं आइए जानने की कोशिश करते हैं, कि यह स्कैम कैसे हुआ और आप इस स्कैम से कैसे बच सकते हैं।

लुधियाना पुलिस कमिश्ननर कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि इस मामले में दो साइबर अपराधी को गिरफ्तार किए गए हैं

पंजाब पुलिस के बयान मुताबिक बिजनेसमैन SP ओसवाल को साइबर ठगों ने 7 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। लुधियाना पुलिस कमिश्ननर कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि इस मामले में दो साइबर अपराधी को गिरफ्तार भी किए गए हैं, जिनके पास से 5.25 करोड़ रुपये भी बरामद किए गए। इसके अलावा गैंग के सात अन्य लोगों की पहचान भी हुई है। पुलिस के मुताबिक इस गैंग के सभी सदस्य असम और पश्चिंग बंगाल से संबंध रखते हैं। इस दौरान उन्हें फेक CBI ने कॉल किया, फर्जी अरेस्ट वॉरेंट दिखाया और डिजिटली अरेस्ट भी रखा. इसके बाद पुलिस ने 48 घंटों के अंदर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर. Case को चतुराई से सुलझा लिया।

सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सोशल मीडिया पर आप अपने निजी और ऑफिशियल जानकारी किसी से साझा नहीं करें

साइबर एक्सपर्ट प्रिया सांखला बताती हैं कि थोड़ी सी सावधानी से आप साइबर ठगी से बच सकते हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है कि सोशल मीडिया पर आप अपने निजी और ऑफिशियल जानकारी किसी से साझा नहीं करें,जैसे अगर आप कहीं घूमने गए हैं या किसी होटल और रेस्टोरेंट में आपने खाना खाया है या खरीदारी की है तो उसे सोशल मीडिया पर साझा नहीं करें. साइबर ठग इसका फायदा उठा कर आपको ठगी का शिकार बना सकते हैं,किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा ना करें, कोई कॉल करके धमकाता है तो डरें नहीं, बल्कि डटकर सामना करें, क्योंकि यदि आपने कोई पार्सल मंगवाया ही नहीं है तो फिर डरने की जरूरत नहीं है।अपनी निजी जानकारी जैसे घर का एड्रेस, बैंक अकाउंट की डीटेल, आधार कार्ड, पैन कार्ड की जानकारी ना दें।
इस तरह के कॉल की शिकायत तुरंत किसी पुलिस थाने में करें। इसके लिए सबसे पहले 1930 नंबर पर कॉल करें। यह नंबर ऑल इंडिया साइबर फ्रॉड पोर्टल का है। आप देश के किसी भी हिस्से में रहें साइबर ठगी की शिकायत यहां दर्ज करवा सकते है!

रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा

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