बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है. एनडीए का साथ देने का एलान करते शनिवार को मायावती ने कहा कि वो द्रौपदी मुर्मू का समर्थन इसलिए कर रही हैं क्योंकि वो आदिवासी समुदाय से आती हैं. इसके साथ-साथ मायावती ने विपक्ष पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष ने बसपा से सलाह नहीं की.
- बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है.
- एनडीए का साथ देने का एलान करते शनिवार को मायावती ने कहा कि वो द्रौपदी मुर्मू का समर्थन इसलिए कर रही हैं क्योंकि वो आदिवासी समुदाय से आती हैं.
- इसके साथ-साथ मायावती ने विपक्ष पर भी हमला बोला.
- उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष ने बसपा से सलाह नहीं की.
राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी के आदिवासी कार्ड ने विपक्षी दलों को भी राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के मुद्दे पर पशोपेश में डाल दिया है. ओडिशा से आने वाली आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू ने विपक्षी खेमे में सेंध लगा दी है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर दिया है. यूपी की राजधानी लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान किया कि हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है.
मायावती ने एनडीए कैंडिडेट के समर्थन को लेकर उठाए जा सकने वाले सवालों के जवाब भी दिए. उन्होंने कहा कि हमने ये फैसला ना तो बीजेपी या एनडीए के पक्ष में, ना ही विपक्ष के विरोध में लिया है. मायावती ने ये भी साफ किया कि हमने ये फैसला अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए ही लिया है.
गौरतलब है कि बसपा, दलित मूवमेंट से उपजी पार्टी है. पार्टी का बेस वोट बैंक भी दलित है. एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं. ऐसे में बसपा भी इस उहापोह में फंसी थी कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें कि विपक्षी दलों को चौंका दिया है.
18 जुलाई को होना है मतदान, 21 जुलाई को मतगणना
देश का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है. मतगणना 21 जुलाई को होगी. गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने से पहले देश के अगले राष्ट्रपति को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी.