लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Case) मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली ये दूसरी याचिका है.
पीड़ित किसान परिवारों की ओर से यह याचिका वकील प्रशांत भूषण ने दायर की है. आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी में आंदोलनकारी किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का आरोप है.
पीड़ित किसानों के परिजनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने अब तक हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी लिहाजा मजबूरन उन्हें सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा.
SIT और सरकार की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह
एसआईटी और यूपी सरकार पर सवाल उठाती हुई इस याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर करते वक्त आशीष मिश्रा के खिलाफ दिए गए ठोस सबूतों पर गौर नहीं किया. क्योंकि तब तक चार्जशीट कोर्ट के रिकॉर्ड पर ही नहीं आई थी. सिर्फ एफआईआर के आधार पर जमानत मंजूर की गई. जबकि चार्जशीट में अपराध को जघन्य बताया गया है. लेकिन आरोपी इस अपराध के बाद अपने रुतबे का इस्तेमाल करते हुए कई दिनों तक फरार रहा. कानून को चकमा देता रहा.
याचिका में आगे कहा गया है कि पीड़ितों को सबूत जुटाने और उन्हें अदालत तक लाने में भी आरोपी और उसके पीछे राजनीतिक समर्थकों की टीम ने बहुत बाधाएं डालीं.