- आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मास्टरमाइंड विकास दुबे मारा गया है.
- . बताया जा रहा है कि कानपुर टोल नाके से 25 किलोमीटर दूर विकास दुबे को ला रही कार पलट गई.
- इस दौरान विकास दुबे ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की.
- पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे की मौत
कानपुर: आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है. एसटीएफ मध्य प्रदेश के उज्जैन से उसे आज सुबह ही कानपुर लेकर आई थी.
कानपुर आते ही पुलिस की गाड़ी रास्ते में पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे ने पुलिस के एक जवान से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. विकास दुबे और पुलिस के बीच गोलियां चली. इस दौरान विकास दुबे गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
8 दिन में विकास दुबे समेत उसकी गैंग के 6 बदमाशों का एनकाउंटर
- इससे पहले बुधवार देर रात विकास दुबे के एक और करीबी प्रभात मिश्रा मारा गया था। प्रभात को पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। रास्ते में प्रभात ने भागने की कोशिश की, उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया।
- पुलिस ने बुधवार को ही विकास के करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया था। अमर हमीरपुर में छिपा था। अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
कौन था विकास दुबे
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी था. साल 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था. कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप था.
साल 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी था. 2001 में कानपुर देहात के शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चौयरमेन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त बीजेपी नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था. कोई गवाह न मिलने के कारण केस से बरी हो गया था