इस तरह सोनू सूद के मन में आया मजदूरों की मदद करने का ख्याल- जानिए पूरा मामला..

नेशनल डेस्क:  बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को आज के समय में कौन नहीं जानता। कोरोना काल में जहां अपनों ने ही साथ छोड़ दिया तो वहीं सोनू सूद एक मसीहा बनकर सामने आए। वह जिस तरह मजदूरों और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है।

आज हर किसी की जुबान में उनका ही नाम है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड एक्टर के मन में मजदूरों की मदद करने का ख्याल कैसे आया। एक चैनल के साथ खास बातचीत में सोनू ने बताया कि उन्होने किस तरह यह सब मैनेज किया। 

बॉलीवुड एक्टर ने बताया कि ​लॉकडाउन के समय उनकी मुलाकात एक परिवार से हुई जो पैदल ही मुंबई से कोलकाता की ओर निकल रहे थे। सोनू ने उनका समझाया और किसी तरह परमिशन लेकर बस का इंजताम किया।

उन्होंने बताया कि पहली बस में 350 लोगों को घर भेजा गया था। उसी समय उन्होंने ठान लिया कि वह ऐसी ही और लोगों की मदद करेंगे जो पैदल ही अपने घर के लिए निकल रहे हैं। 

सोनू ने बताया कि हजारों लोगों को घर पहुंचाने का काम इतना आसान नहीं था, ऐसे में उनकी पत्नी, दोस्त और बच्चों ने भी उनका साथ दिया।

उन्होंने कहा कि यह सब अकेले नहीं हो सकता था, मेरे परिवार ने मेरा खूब साथ दिया। इसी बीच जब सोनू से राजनीति में आने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह बिना राजनीति में आए ही लोगों की मदद कर रहे हैं तो उन्हे इसमें आने की कोई जरूरत नहीं है। 

1999 में की थी पहली फिल्म

सोनू के फिल्मी कर‍ियर की बात करें तो उन्होंने 1999 में तम‍िल फिल्म कल्लाझागर से एक्ट‍िंग डेब्यू किया था. साल 2001 में शहीद-ए-आजम फिल्म में भगत सिंह के किरदार से बॉलीवुड में एंट्री की थी. इसके बाद जिंदगी खूबसूरत है, कहां हो तुम, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मिशन मुंबई जैसी फिल्मों में काम किया. शुरुआती दिनों में उन्हें इंडस्ट्री में कोई खास पहचान नहीं मिली लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने यहां पैर जमाना शुरू किया. फिर उन्हें युवा, चंद्रमुखी, आश‍िक बनाया आपने, जोधा अकबर, सिंह इज किंग, एक विवाह ऐसा भी, दबंग, आर राजकुमार, गब्बर इज बैक आद‍ि सफल फिल्में मिलीं.

मजदूरों के मसीहा बनें सोनू सूद

कोई 400 किलोमीटर चला, तो कोई 700 और कई ने तो 1200 किलोमीटर का सफर भी तय किया. भूखे-प्यासे मजदूर केवल चलते जा रहे थे. इस चिलचिलाती गर्मी में धूप से बेहाल मजदूरों के प्राण सूखने लगे. पैरों में छाले पड़ गए, पर किसी ने भी इन बेबस और मजबूर मजदूरों की सुद नहीं ली. इस बीच इन मजदूरों के लिए कोई मसीहा बनकर सामने आया तो वो है अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood).

भले ही सोनू फिल्मों मे ज्यादातर विलेन के रोल में नजर आए, पर मजदूरों के लिए सोनू सूद ने जो किया वह किसी हीरो से कम नहीं. सोनू सूद हर मुमकिन कोशिश में लगे हैं कि वे मुंबई से मजदूरों को स्वस्थ और सुरक्षित उनके घर भेज सकें. 25 मार्च से ही सोनू सूद जरूरतमंदों की मदद में लगे हुए हैं. कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें मजदूर सोनू सूद का शुक्रिया अदा करते नहीं थक रहे.

sonu sood arrange buses for migrants, मुश्किल वक्त में टूटते लोगों का सहारा बने सोनू सूद, मजदूर बोले- हमारे लिए फरिश्ते से कम नहीं

सोनू सूद ने माइग्रेंट्स से कहा है कि आप केवल हमें अपनी डिटेल्स भेजो आपको घर हम पहुंचाएंगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी कार्य और ट्वीट्स के चलते सोनू खूब वाहवाही लूट रहे हैं. और सोनू की सराहना करना बनता भी है. जो काम सरकार और वोट मांगने वाले राजनेताओं को करना चाहिए था, वह सोनू कर रहे हैं.

खैर, सोनू अब माइग्रेंट्स के मसीहा बन गए हैं. लोगों का कहना है कि उनके लिए सोनू देश के सबसे बड़े हीरों हैं. ट्विटर और फेसबुक के जरिए लोग सोनू से वापस घर जाने के लिए मदद मांग रहे हैं. देखिए एकदम मजेदार स्टाइल में उन्होंने जवाब दिए…

सोनू सूद ने इस मुश्किल वक्त में टूटते लोगों का काफी हौसला बढ़ाया है. लोगों के मन में एक उम्मीद की किरण जगी हुई है. लोगों का कहना है कि सोनू हमारे लिए किसी फिरश्ते से कम नहीं हैं.

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