सुप्रीम कोर्ट में EMI मामले पर सुनवाई.. जानिऐ SG ने क्या कहा ?

फिर एक बार सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है । सुनवाई में सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने EMI के ब्याज पर छूट मुमकिन न होने की बात कही है । क्योंकि बैंकों की आर्थिक स्थिरता इसका भारी असर पड़ेगा । और इससे बैंकों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है । उन्होने बताया कि जमाकर्ताओं पर भी इसका खासा बोझ देखने को मिल सकता है । वहीं सुनवाई के दौरान बैंकों की ओर से कहा गया की किसी मामले पर सेक्टर के आधार पर भुगतान के अंतर पर विचार करना होगा । साथ ही कोविड 19 के खतरे से बाहर आ जाने तक ये याचिका प्री- मेच्चयोर है । सवाल ये भी है कि क्या होगा अगर किसानी क्षेत्र को कल मदद की जरुरत हो जाती है ।

मोहलत की अवधि के समय ब्याज की माफी के लिए याचिका बैंक की माली हालत को रोकने के जोखिम में डालेगी । औऱ जमाकर्ताओं के हितों में खतरे में डालेगी । मामले में सुनवाई करने वाले तीन जजों की बेंच में शामिल जस्टिस एमआर शाह ने कहा, एक बार जब आप छूट देने की समयावधि को तय कर लेते हैं तो यह लक्ष्य पूरा करने के लिऐ होना चाहिए । जिसके लिए  हम चाहते हैं कि ब्याज पर कोई शुल्क न मिलें ।

इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मोहलत को लेकर केंट्र की भी खिंचाई की । कोर्ट का कहना है कि सरकार अब खुद को असहाय साबित नहीं कर सकती है । जस्टिस शाह ने कहा सरकार बैंकों पर सब कुछ न छोड़े हस्तक्षेप पर विचार करना चाहिऐ । कोर्ट ने कहा है कि केंद्र अब बैंकों और ग्राहकों के बीच का मामला बता कर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है । यदपि आपने मोहलत देने की घोषणा की है ।

IBA (इंडियन बैंक असोसिएशन) और SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) ने सुनवाई के दौरान मांग की कि अदालत मामले को 3 महीने के लिए टाल दे, इस मामले में सुनवाई ना करे. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त के पहले हफ्ते तक सुनवाई टाल दी है. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि केंद्र और आरबीआई मामले की समीक्षा करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि इंडियन बैंक एसोसिएशन यह देखे  कि क्या मोहलत मुद्दे के लिए नए दिशानिर्देश लाए जा सकते हैं.

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