लॉक डाउन में कोटा में फंसे बिहार के बच्चो का अनशन पर बैठने से नितीश सरकार पर दबाव पड़ता जा रहा है। पटना हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे छात्रों की सुरक्षा को लेकर सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने निर्देश भी दिया था कि प्रदेश के बाहर फंसे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने पटना हाईकोर्ट द्वारा जारी नोटिस के जवाब में प्रतिक्रिया में एक पत्र में लिखा, ‘बिहार सरकार कोटा में फंसे राज्य के विद्यार्थियों की समस्याओं के प्रति बेहद संवेदनशील है। बिहार सरकार अन्य राज्यों की सरकारों से संपर्क में हैं और उन्हें गृह मंत्रालय के लॉकडाउन से जुड़े दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए हर संभव मदद मुहैया कराने का प्रयास कर रही है।’
मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन में गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए कोटा में फंसे राज्य के छात्र-छात्राओं की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बता दे की बिहार के करीब 11 हजार छात्र-छात्राएं लॉकडाउन की वजह से राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारें अपने राज्य के बच्चों को विशेष व्यवस्था करके घर पहुंचा चुकी है। बिहार के बच्चों द्वारा लगातार आग्रह करने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो इन लोगों ने गांधीवादी तरीका अपना लिया है। उपवास के जरिए ये छात्र बिहार सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें भी दूसरे राज्यों के बच्चों की तरह कोटा से निकालकर घर पहुंचाया जाए।