अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को स्थाई कुलपति मिल गया है। प्रो. नईमा खातून को एएमयू का नया वीसी बना दिया गया है। 22 अप्रैल रात्रि में ही प्रो नईमा खातून ने एएमयू के कुलपति का चार्ज ले लिया है। इनसे पहले इनके पति मुहम्मद गुलरेज विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति रहे हैं।
एएमयू के वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या व कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रो. नईमा खातून को कुलपति बना दिया गया है। एएमयू कोर्ट ने तीन नाम राष्ट्रपति को भेजे थे, जिसमें प्रो. एमयू रब्बानी, प्रो. नईमा खातून, प्रो. फैजान मुस्तफा थे। इनमें से प्रो. नईमा खातून को एएमयू का कुलपति बना दिया गया है। प्रो. नईमा खातून एएमयू के 104 साल के इतिहास में पहली महिला कुलपति हैं।
प्रो. तारिक मंसूर ने कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 17 मई 2023 तक था। सह कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज को कुलपति पद का जिम्मा सौंप दिया गया था।
ये रह चुके हैं एएमयू के कुलपति
मोहम्मद अली मोहम्मद खान, साहिबजादा आफताब अहमद खान, नवाब मोहम्मद मुजम्मिलउल्लाह खान शेरवानी, रॉस मसूद, जिया उद्दीन अहमद, सर शाह मोहम्मद सुलेमान, जिया उद्दीन अहमद, जाहिद हुसैन, नवाब मोहम्मद इस्माइल खान, जाकिर हुसैन, बशीर हुसैन जैदी, बदरुद्दीन तैयबजी, अली यावर जंग, अब्दुल अलीम, एएम खुसरो, सैयद हामिद, सैयद हासिम अली, एमएन फारूकी, महमूदुर्रहमान, मोहम्मद हामिद अंसारी, नसीम अहमद, पीके अब्दुल अजीज, लेफ्टिनेंट जमीर उद्दीन शाह, प्रो. तारिक मंसूर।
प्रोफेसर नईमा खातून के बारे में
प्रोफेसर नईमा खातून एएमूय के मनोविज्ञान विभाग अगस्त 1988 में बतौर व्याख्याता नियुक्त हुईं। वह अप्रैल 1998 से एसोसिएट प्रोफेसर और जुलाई 2006 से प्रोफेसर रहीं। प्रोफेसर नईमा खातून जुलाई 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं। इन्होंने मध्य अफ्रीका के रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक साल पढ़ाया। प्रोफेसर नईमा खातून के पास राजनीतिक मनोविज्ञान में पीएचडी की डिग्री है। वह वर्तमान में अक्टूबर, 2015 से सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू, अलीगढ़ के निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं।
उन्होंने लुइस विले विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका, अल्बा लूलिया विश्वविद्यालय, रोमानिया, चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय बैंकॉक, हॉलिंग्स सेंटर, इस्तांबुल, तुर्की और हॉलिंग्स सेंटर फॉर इंटरनेशनल में भी दौरा किया है और व्याख्यान दिए हैं। उन्होंने छह पुस्तकों का लेखन,सह-लेखन व संपादन किया है। वह वीमेंस कॉलेज छात्र संघ के लिए दो बार चुनी गईं। उन्होंने अब्दुल्ला हॉल और सरोजिनी नायडू हॉल के साहित्यिक सचिव और वरिष्ठ हॉल मॉनिटर का पद भी संभाला है। सर्वांगीण उत्कृष्टता के लिए उन्हें पापा मियां पद्म भूषण सर्वश्रेष्ठ गर्ल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारत निर्वाचन आयोग से मांगी गई थी मंजूरी
आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण भारत निर्वाचन आयोग से मंजूरी मांगी गई थी। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसे एएमयू कुलपति की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पर आदर्श आचार संहिता के दृष्टिकोण से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाए।