इश्क की यह दास्तान.. अंजाम फांसी का फंदा…

देश मैं कई दोषियों को फांसी की सजा हो चुकी है… लेकिन ये पहली बार होगा की भारत मैं एक महिला को फांसी दी जायगी… मथुरा के इकलौते फांसी घर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को फांसी पर लटकाया जाएगा। आपको जानकारी दे दे की अमरोहा की शबनम ने अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने माता पिता समेत घर के 7 लोगो को नशे की दवा देकर उनकी कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी. राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी है. इस केस मैं शबनम और उसके प्रेमी सलीम को एक साथ फांसी दी जा रही है… हलाकि अभी ये साफ़ नहीं हुआ है की सलीम को लहै फांसी दी जयजयगी….

अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम के सलीम के साथ प्रेम संबंध थे। सूफी परिवार की शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए किया था। वहीं सलीम पांचवीं फेल था और पेशे से एक मजदूर था। इसलिए दोनों के संबंधों को लेकर परिजन विरोध कर रहे थे। शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा खूनी खेल खेला कि सुनकर पूरा देश हिल गया। शबनम ने अपने माता-पिता और 10 माह के भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को पहले बेहोश करने की दवा खिलाई। बाद मैं कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला था। इस खतरनाक हत्या कांड को अंजाम देने के बाद शबनम ने जी से रोना-चीखना शुरू कर दिया। जब आसपास के  लोग पहुंचे, तो हालात देखकर दंग रह गए। खून से लथपथ सात लाशें पड़ीं थीं। घर में अकेली शबनम जिन्दा बची थी। आधी रात को हुए इस सनसनी खेज हत्याकांड से पुलिस प्रशासन में हड़कंप में मच गया। शबनम ने पुलिस को बताया कि उसके घर में लुटेरे घुसे और पूरे परिवार की हत्या कर दी। वह बाथरूम थी, इसलिए बच गई।गौरतलब है कि मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था. लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई.

मथुरा की जेल मैं शबनम को फांसी देने की तय्यरिया की जा रही है… इस की ज़िम्मेदारी निर्भया कांड के दोषियों को फांसी पर चढाने वाले जल्लाद पवन को दी गए है… शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है….  सूत्रों के मुताबिक फांसी घर को दुरुस्त करने के लिए जेल अधीक्षक ने अपने आला अधिकारियों को पत्र भी लिखा है। इस मामले को लेकर जेल अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार का कहना है कि उनके पास शबनम को फांसी दिए जाने के संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि फांसी घर की स्थिति खराब हो गई थी, जिसे दुरुस्त कराने के लिए पत्र लिखा गया है। आपको बता दे की अभी तक फांसी देने की तारिक तय नहीं की गए है…

जानकारी के मुताबिक इस मामले की पुलिस ने पहले लूट के एंगल से जांच की, लेकिन कोई सबूत हाथ नहीं लगा। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर ध्यान दिया, तो कई सवाल सामने आए। मरने वालों ने खुद को बचाने की कोशिश नहीं की? लूटपाट के कोई सबूत नहीं मिले? इस बीच पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों को मारने से पहले कोई दवा खिलाकर बेहोश किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस के शक की सुई शबनम पर अटक गई। जिसके बाद शबनम की कॉल डिटेल निकाली गई, जिससे पता चला कि हत्या की रात शबनम की एक ही नंबर पर कई बार बात हुई।  बाद में पुलिस को शबनम के गर्भवती होने का पता चला। शबनम शादी-शुदा नहीं थी, इसलिए इस हत्याकांड में पुलिस को यह जानकारी बेहद अहम लगी। इसके बाद पुलिस ने शबनम से कड़ी पूछताछ शुरू की। तो आरोपी शबनम ने अपना गुनाह क़ुबूल लिया … इसके बाद, पुलिस ने शबनम के प्रेमी और इस केस मैं दोषी सलीम को भी दबोच लिया और बाद में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया… सलीम की निशानदेही पर कत्ल में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी भी पुलिस ने बरामद कर ली।

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