नई दिल्ली में राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट पेश होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और कुछ सदस्य वेल में भी आ गए। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि जेपीसी में शामिल विपक्ष के सदस्यों के सुझावों को हटा दिया गया है और असहमति रिपोर्ट को भी हटा दिया गया है।
खड़गे ने कहा कि वक़्फ़ पर फर्जी रिपोर्ट को वे नहीं मानेंगे और जेपीसी में उनके विचारों को दबाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र विरोधी है और असहमति रिपोर्ट को हटाने के बाद पेश की गई किसी भी रिपोर्ट की वे निंदा करते हैं।
वहीं, जेपीसी के सदस्य और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि सरकार ने विपक्ष के सुझाव को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जेपीसी में विपक्ष के सुझावों को डिलीट नहीं किया गया है और विपक्ष का मकसद सदन में चर्चा करना नहीं बल्कि अपने वोट बैंक के लिए नंबर बढ़ाना था।
बात दे की केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच की है और रिपोर्ट से कोई भी बात हटाई नहीं गई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं, जिसमें तथ्य नहीं है।
रिपोर्ट:- कनक चौहान