जामिया अल हुमैरा की अनोखी पहल

आज दिनांक 15 सितम्बर दिन रविवार जामिया अल हुमैरा बुढाना का एक प्रोग्राम हुआ।
यू तो जामिया की कारक्रदगी अकसर जलसे आदि की शक्ल में मंजर ए आम पर आती रहती हैं
मगर इस मर्तबा कारकुनान ए जामिया ने हालात के पेशे नजर ऐसा क़दम उठाया जिससे मौजूद व गै़र मौजूद सभी उसका बखूबी मुशाहिदा करके दिल को मसरूर कर सकते हैं।
प्रोग्राम में जामिया की तालिबात ने अपनी अपनी मेहनत को मन्ज़र ए आम पर लाकर अपनी कामयाबी और कामरानी का मुशाहिदा कराया।
सभी तालिबात ने कु़रआन ए क़रीम की तिलावत शानदार लहज़े में फरमाई
इबारत कुतुब अरबिया खुसूसन बुखारी शरीफ की इबारत भी का़बिले तहसीन और इतमिनान बख़्श रही। उर्दू पढने लिखने के साथ साथ अंग्रेजी ज़बान में छोटे छोटे बच्चों की बेबाक गुफतुगू खास तौर से है़रान कुन थी इसी तरह दीनी व समाजी प्रशनो का एक सिलसिला भी प्रोग्राम में शामिल किया गया।कोई भी सवाल किया जाता तो, इसकालर साहब इसका तसल्ली बख़्श जवाब देते एक शानदार पहलू ये रहा के इस पूरे निज़ाम को कैमरे से रिकाड किया गया जब भी देखना और सुनना चाहे जामिया के चैनल (Jamia Al Humaira) पर इसको देखा जा सकता है हालात ए हाज़िरा मे ये एक अनोखी पहल है प्रोग्राम में शिरकत करने वालो में मौलाना अतीक्रुरहमान, मौलाना गुलफाम, का़जी नदीम अहमद, मौलाना गुलजार, कारी अबूज़र, साहिबान के नाम क़ाबिले ज़िक्र हैं।पूरे प्रोग्राम को मंजर ए आम पर लाने के लिए कारकुनाने जामिया के साथ साथ मौलाना रिज़वान उल हक़ साहब नाजिम ए जामिया की मेहनत मुसलसल क़ाबिले दाद है।

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