हर साल की तरह इस बार भी देश में दशहरा की तैयारियां शुरू हो चुकी है। लेकिन आपको बता दे की इस बच उज्जैन से रावण दहन को लेकर एक नया विवाद सामने आ रहा है। आपको बता दे की अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज और महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने रावण दहन को प्रतिबंधित करने की मांग उठाई है और साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस विवाद पर पत्र भी लिखा है।
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने पत्र में लिखा है की रावण ने माता सीता का हरण इसलिए लिया था ताकि रावण और उनके कुल का भगवान राम के हाथो उद्धार हो सके। पुजारी ने कहा की रावण ब्राह्मण वंश से थे, लेकिन कही इसलिए ही तो ब्राह्मण समाज को बदनाम और उनका अपमान करने के लिए रावण का दहन किया जाता है। इसलिए इस रावण दहन पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। पुजारी ने बताया की त्रेता युग में सीता माता के हरण के बाद रावण को नकारात्मक छवि में प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि, रावण एक विद्वान ब्राह्मण और महान ज्ञानी था। . माता सीता के हरण के बावजूद रावण ने उनका सम्मान रखा और उन्हें अशोक वाटिका में सुरक्षित रहा था, और साथ ही पुजारी महेश शर्मा ने कहा जी अगर पुतले जलाने ही तो उन लोगों के जलने चाहिए जो समाज में महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं।
रिपोर्ट: कनक चौहान