सैलून वालों पर मेहरबान हुआ क्रिकेट का भगवान -कोरोना की मार झेल रहे लोगों की ऐसे करेंगे सचिन तेंदुलकर मदद-

सचिन तेंडुलकर को दुनिया में महानतम बल्लेबाजों में गिना जाता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतक बनाने का रेकॉर्ड तेंडुलकर के ही नाम है। उन्हें भारत का सबसे बड़ा मैच-विनर भी कहा जाता है। दुनिया के हर गेंदबाजी आक्रमण के सामने सचिन ने खुलकर रन बनाए।. और सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है…

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirua) के कारण हुए लॉकडाउन में कई लोगों की जिंदगी में मुश्किलें बढ़ गई हैं. भारत में कई सेलिब्रिटी अब तक मदद के लिए आगे आ चुके हैं. दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) मजदूरों और गरीबों की मदद करने के बाद अब सैलून वालों की मदद के लिए आगे आए हैं. लॉकडाउन में सैलून चलाने वाले और उनके लिए काम करने वाले लोगों की जिंदगी में मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

खास अभियान से जुड़े सचिन

सचिन तेंदुलकर ने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो डालकर बताया कि वह सैलून चलाने वाले लोगों की मदद करने के लिए एक खास अभियान से जुड़ रहे हैं. वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, ‘यह मेरे सैलून के दोस्तों के लिए और यह करके मुझे बहुत खुशी हो रही है. हम सभी पर लॉकडाउन का काफी असर रहा है खासकर हमारे सैलून के दोस्तों पर.

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हम सभी अपने इन दोस्तों को काफी मिस करते हैं क्योंकि यह सिर्फ हेयरकट औऱ ग्रूमिंग के बारे में नहीं है बल्कि उनके साथ प्यारी बातों के बारे में भी है. मैं इन लोगों के लिए खास मुहिम से जुड़कर खुश हूं जो कि इन लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. यह लोग लॉकडाउन के दौरान इन लोगों को अपने सैलून चलाने के लिए मदद करते हैं.’

पहले भी मजदूरों और गरीबों की मदद कर चुके हैं सचिन तेंदुलकर
इससे पहले सचिन ने कोविड-19 (Covid-19) महामारी से परेशानी का सामना कर रहे 4,000 गरीब लोगों की आर्थिक मदद की थी. मास्टर ब्लास्टर ने हालांकि मदद के तौर पर कितनी राशि दी है इसका पता नहीं चला था. तेंदुलकर ने यह दान मुंबई की गैर सरकारी संगठन ‘हाई5’ (HI5) को दिया. तेंदुलकर ने ट्वीट किया, ‘दैनिक वेतन प्राप्त करने वाले परिवारों के समर्थन में ‘हाई5’के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.’ इस संस्था ने भी ट्वीट कर जरूरमंदों की मदद के लिए तेंदुलकर का आभार जताया.

विज्ञापनतेंदुलकर इससे पहले प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में 25-25 लाख दान दे चुके है. . कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए भारत के महान बल्‍लेबाज सचिन तेंदुलकर पहले ही 50 लाख रुपये का दान में दिए थे. कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अब एक महीने में 5 हजार लोगों को खाना खिलाने का फैसला किया था.

2011 वर्ल्ड कप की जांच होनी चाहिए. पूर्व क्रिकेटर

पिछले दिनों श्रीलंका के पूर्व मंत्री महिंदानंदा अलुथगामगे ने यह कहकर क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिया था कि 2011 वर्ल्‍ड कप (2011 World CUP) का फाइनल फिक्‍स था. हालांकि इसके बाद उन्‍हें अपने ही दिग्‍गज क्रिकेटर्स की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. अब श्रीलंका के पूर्व कप्‍तान अरविंद डी सिल्वा ने कहा कि सचिन तेंदुलकर के लिए वर्ल्‍ड कप फाइनल पर लगे आरोपों की जांच होनी चाहिए.

उन्‍होंने अपने देश के पूर्व मंत्री के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि इस झूठ की जांच होनी चाहिए. संडे टाइम्‍स से बात करते हुए सिल्‍वा ने आईसीसी, बीसीसीआई (bcci) और श्रीलंका बोर्ड से इसकी जांच करने का आग्रह किया है. सिल्‍वा ने कहा कि हम झूठ के साथ लोगों को हर समय दूर नहीं होने दे सकते. मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि आईसीसी, बीसीसीआई और एसएलसी तुरंत इसकी जांच करें.

अद्भुत पलों को संजोते हैं सचिन जैसे खिलाड़ी

सिल्‍वा ने कहा कि जिस तरह से हमनें अपनी विश्‍व कप जीत को संजोकर रखा है. वैसे ही सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) जैसे खिलाड़ी अपने जीवन के इन अद्भुत पलों को संजोते हैं. उन्‍होंने कहा कि मुझे लगता है कि सचिन और करोड़ों भारतीय फैंस के लिए भारत सरकार और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को इसकी निष्‍पक्ष जांच करनी चाहिए. भारत ने 2011 मुंबई में श्रीलंका को हराकर वर्ल्‍ड कप जीता था और इसी के साथ सचिन तेंदुलकर का अधूरा सपना भी पूरा हुआ था. इस तरह के गंभीर आरोप बहुत से लोगों को प्रभावित करता है. इस मामले में न केवल हम, चयनकर्ता, टीम मैनेजमेंट, बल्कि वर्ल्‍ड कप जीतने वाले भारतीय क्रिकेटर्स भी हैं. हम जिस खेल से प्‍यार करते हैं, उसके लिए एक बार फिर यह स्‍पष्‍ट करने की जरूरत है.

सिल्‍वा से पहले 2011 वर्ल्‍ड कप में श्रीलंका टीम के कप्‍तान रहे कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने ने भी इन दावों का खंडन किया था. श्रीलंका ने पूर्व खेल मंत्री ने दावा किया था कि भारत के खिलाफ वर्ल्‍ड कप 2011 का फाइनल खेलने वाली वो श्रीलंकाई टीम नहीं थी, जिसे उन लोगों ने चुना था. उन्‍होंने कहा कि आखिरी समय में उनसे और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों की सलाह के बिना ही चार नए खिलाड़ियों को शामिल किया गया था.

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