पटना: कौन है आईपीएस आनंद मिश्रा, मूल रूप से बिहार के बक्सर के रहने वाले IPS आनंद मिश्रा ने यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा महज 22 के उम्र में क्रैक कर ली थी….


बताते चलें, अब उनके इस्तीफा से सियाची हलचल्ले तेज हो गई है केंद्रीय मंत्री की सीट पर इस IPS की पेनी नजर, लोकसभा चुनाव के लिए कसी कमर!
आगामी लोकसभा चुनाव में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी चुनावी मैदान में हुंकार भर सकते हैं. बताया जा रहा है कि असम-मेघालय कैडर के पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने सामाजिक कार्यों पर ध्यान देने के लिए नौकरी से इस्तीफा दे दिया है.

पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारी का राजनीतिक दलों में शामिल होने का चलन काफी पुराना है. कई अधिकारी चुनाव जीतकर सत्ता के शीर्ष पदों पर काबिज हो चुके हैं. पर कुछ सालों पहले अधिकारियों का रुझान राजनीति की ओर कम हो गया था, लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ये चलन एक बार फिर से सामने आया है, जहां कई अधिकारियों ने चुनावी मैदान में हुंकार भरी. उम्मीद लगाई जा रही है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में ये चलन बरकरार रह सकता है.

बताया जा रहा है कि असम के लखीमपुर जिले में तैनात पुलिस अधीक्षक आनंद मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने बताया कि वह सामाजिक कार्यों पर अपना फोकस करना चाहते हैं. उन्हें हाल ही में मणिपुर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल में नियुक्त किया गया था.
अपने सर्विस का 12 साल बतौर IPS सेवा देने वाले आनंद मिश्रा के अचानक इस्तीफा का कनेक्शन मई महीने में मणिपुर में हुए जातीय हिंसा से जोड़कर भी देखा जा रहा है. बता दें कि, IPS आनंद मणिपुर हिंसा की जांच के लिए बनाई गई SIT का भी हिस्सा रह चुके हैं. यंगेस्ट आईपीएस के तौर पर चर्चित आनंद मिश्रा की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है. असम-मेघालय कैडर के ये आईपीएस अधिकारी को सोशल मीडिया सेंसेशन भी हैं. उन्हें लोग ‘असम का सिंघम’ बुलाते हैं. आनंद मिश्रा पैट्रोलर नाम का एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, जिसमें वह लोगों को बताते हैं कि कैसे उनकी टीम असम के विभिन्न इलाकों में गश्त करती है! रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा (पटना)

Share
Now