नियतं सङ्गरहितमरागद्वेषत: कृतम् |
अफलप्रेप्सुना कर्म यतत्सात्त्विकमुच्यते
अर्थात् जो कार्य संबंध से रहित, बिना रोग -द्वेष के और फल ना चाहने वाले पुरुष के द्वारा किया जाता है, सात्विक कहलाता है। श्रीम्भगवद्गीता की इन पावक पंक्तियों को आज के निष्ठुर, संवेदनहीन एवं स्वार्थी समाज में सजीव तथा व्यावहारिक बनाए रखने में सदैव तत्पर राजा जसकीरत सिंह जी द्वारा 06 नवंबर 2018 को ‘राजा मानवाधिकार संरक्षण संस्थान’ की स्थापना की गई।राजा जी के समाज हितैषी विचारों पर अमल करते हुए RHRF के स्वयंसेवक कोरोना महामारी के इस भीषण दौर में निस्वार्थ भाव से सामाजिक सेवा में बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे है।
इसी कढ़ी में RHRF की उत्तराखंड इकाई की दूरदर्शी एवं प्रगतिशील मुख्य सचिव सुश्री सौम्या शर्मा जी के नेतृत्व में संस्थान के स्वयंसवकों द्वारा दिनांक 11 -12 जुलाई को देहरादून व हरिद्वार में फल -सब्जी विक्रेताओं को सेनिटाइजर और मास्क बांटे गए। रेडी लगा कर फल एवं सब्जियां बेचने वाले हम सभी के दैनिक जीवन में बेहद अहम भूमिका अदा करते है। इनके द्वारा है ही हमें ताजे फल और सब्जियां प्राप्त होती है। जनसाधारण तक इनकी पहुंच जहां हम सभी के लिए लाभदायक सिद्ध होती है वहीं दूसरी ओर कोरॉना महमारी समेत अनेक बीमारियों के प्रसार का साधन भी ये विक्रेता बन सकते है। इसलिए RHRF द्वारा फल सब्जी विक्रेताओं को 300 सैनिटाइजर एवं 250-300 मास्क बांटने के साथ साथ इनके उचित प्रयोग की जानकारी भी प्रदान की गई। उन्हें सैनिटाइजर इस्तेमाल करने की सही विधि और उपयुक्त मात्रा के संबंध में जागरूक करवाया गया।
‘राजा मानवाधिकार संरक्षण संस्थान’ की उत्तराखंड इकाई इसी प्रकार राजा जी के पदचिन्हों पर अपने ओजस्वी मुख्य सचिव सुश्री सौम्या शर्मा जी के मार्गदर्शन में सामाजिक हित के कार्य करता रहेगा।इस अभियान में सौम्या शर्मा, निखिल सिंह, सत्यम शर्मा,प्रावि ठकराल, हर्षित गुप्ता शामिल थे।