सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम में मिलेगी सहायता..जिला कलक्टर ने किया देश के प्रथम आईरेड एप्प काउन्टर का उद्घाटन…

झालावाड़ से ब्यूरो चीफ आसिफ शेरवानी की रिपोर्ट

झालावाड़

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संचालित आईरेड मोबाइल एप्प के देश के पहले आईरेड काउन्टर का शुक्रवार को जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ द्वारा एसआरजी चिकित्सालय के नए आपातकालीन परिसर में विधिवित रूप से फीता काटकर उद्घाटन किया गया।


आईरेड एप्प काउन्टर के उद्घाटन के अवसर पर जिला कलक्टर ने कहा कि पिछले एक वर्ष में जिले में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में जिले में सड़क दुर्घटनाओ में कई लोग घायल हुए हैं एवं कई लोगांे की मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि आईरेड एप्प का मुख्य उद्देश्य जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है।


उन्होंने बताया कि इस एप्प के माध्यम से किसी भी सड़क दुर्घटना से संबंधित सभी प्रकार की सूचनाओं का संकलन कम समय में किया जा सकता है। इस एप्प पर संबंधित विभाग जैसे सार्वजनिक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे अथोरिटी ऑफ इण्डिया, रिडकोर, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सड़क दुर्घटना से संबंधित सभी जानकारी अपलोड की जाती है।


इससे किसी महत्वपूर्ण स्थान पर अधिक संख्या में होने वाली दुर्घटनाओं एवं ब्लैक स्पॉट के चयन में सुविधा मिलती है। दुर्घटना होने के कारणों जैसे नशा करके गाड़ी चलाना, तेज स्पीड में एवं मोबाईल पर बात करते हुए वाहन चलाना, सड़क पर गढ्डे होना, स्पीड ब्रेकर नहीं होना, गलत स्थान पर कट होना आदि कारणों का पता लगाया जा सकता है।


इस एप्प में संबंधित विभागों द्वारा डाटा डालने के पश्चात् दुर्घटना में घायल एवं मृत व्यक्तियों के बीमा क्लेम में भी सुविधा मिलती है इसके लिए सभी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित व्यक्ति के उपचार की सम्पूर्ण जानकारी, मृत्यु होने की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित अन्य मेडिकल डाटा अपलोड किया जाता है।


राजकीय अस्पताल में आईरेड प्रारम्भ करने से जिले में होने वाली प्रत्येक छोटी एवं बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की सूचना का संकलन इस एप्प में किया जा सकेगा। इस दौरान डीआरएम आईरेड अभिषेक विजय द्वारा पीपीटी के माध्यम से आईरेड एप्प की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई।
आईरेड एप्प में विभागों की भूमिका


पुलिस विभाग के इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर दुर्घटना स्थल का दौरा करके एप्प के माध्यम से आवश्यक विवरण जैसे दुर्घटना कब, कैसे और कहां हुई, चित्र, वीडियो आदि को कैप्चर करके, वाहन, चालक, यात्री तथा पैदल यात्री की सूचना डालकर एसएचओ को सौंपेंगे। एसएचओ मामले की समीक्षा कर, एफआईआर विवरण अपडेट करेंगे और आवश्यक कार्यवाही के लिए अन्य हितधारक विभागों (परिवहन, राजमार्ग और स्वास्थ्य) को अनुरोध अग्रेषित करेंगे।


परिवहन विभाग के एमवीआई दुर्घटनाग्रस्त वाहन का निरीक्षण करेंगे, एप्लिकेशन के माध्यम से आवश्यक विवरण अपडेट करेंगे और दुर्घटनाग्रस्त वाहन निरीक्षण के लिए संबंधित एसएचओ के अनुरोध का जवाब देंगे।
सार्वजनिक निर्माण विभाग, एनएचएआई, रिडकोर, आरएसआरडीसी एवं एलएसजी सड़क एजेंसी के इंजीनियर दुर्घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे, एप्लिकेशन के माध्यम से आवश्यक विवरण अपडेट करेंगे और दुर्घटनास्थल निरीक्षण के लिए संबंधित एसएचओ के अनुरोध का जवाब देंगे।


चिकित्सा विभाग अस्पताल दुर्घटना मामलों का एक डेटा सेंटर होगा। यहां रोड़ पर होने वाले एक्सीडेंट का डेटा संग्रह किया जाएगा। सभी अस्पतालों (सरकारी और निजी) को उक्त एप्लिकेशन पर पंजीकरण करना होगा। जिला प्रशासन एवं नोडल अधिकारी आईरेड एप्लिकेशन पर अस्पतालों के पंजीकरण को मंजूरी देंगे। अस्पताल के कर्मचारी उक्त एप्लिकेशन के माध्यम से नशे व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के लिए पुलिस एसएचओ द्वारा भेजे गए अनुरोध का जवाब देंगे। यदि आकस्मिक रोगी सीधे अस्पताल आता है तो अस्पताल आईरेड के माध्यम से पुलिस को सूचना भी भेज सकता है। सभी उपचार विवरण और रिपोर्ट आईरेड एप्लिकेशन में अपडेट किए जाएंगे।


आईरेड एप्प को कई योजनाओं से जोड़ा गया है एवं जोड़ा जाना प्रस्तावित है जिसमें प्रधानमंत्री कैशलेस ट्रीटमेंट योजना, हिट एण्ड रन दुर्घटनाओं के आंकड़े, अनइन्श्योरड वाहनों के आंकड़े एवं दुर्घटना पीड़ित को क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस की जानकारी उपलब्ध कराना शामिल है।


इस दौरान जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शम्भुदयाल मीणा, एसआरजी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अशोक शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. साजिद खान, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी महेन्द्र कुमार राठौर, सहायक सूचना एवं विज्ञान अधिकारी वन्दना पाल सहित विभिन्न चिकित्सक उपस्थित रहे।
—00—

Share
Now