स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए टाइप ई-1) से जूझ रही 11 महीने की वेदिका शिंदे का देहांत हो गया.
डेढ़ महीने पहले ही वेदिका को इलाज के लिए जरूरी 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन (zolgensma injection) दिया गया था,
वेदिका के पिता सौरभ शिंदे ने कहा कि इंजेक्शन देने के बाद उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था,
लेकिन रविवार (1 अगस्त) को उसका ऑक्सीजन लेवल अचानक गिर गया
उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी, तभी उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, !
लेकिन इस दौरान ही उसकी मौत हो गई. !
मासूम वेदिका के इलाज के लिए देशभर से 16 करोड़ रुपयों की आर्थिक मदद जुटाई गई थी
इस दौरान केंद्र सरकार ने इस इंजेक्शन के आयात शुल्क को माफ कर दिया था, लेकिन अनहोनी को कोई टाल नहीं सका.
इसके बाद वेदिका की हालत में काफी सुधार हो रहा था. इस बीमारी को लेकर डॉक्टर अष्पाक बांगी ने बताया कि इस बीमारी से पीड़ित होने की वजह से वेदिका की मसल काफ़ी कमज़ोर हो चुकी थी,
उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी, उसे इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से उसकी मौत हो गई.