महाराष्ट्र के 18 जिलों की 1165 ग्राम पंचायतों में हुए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. इसमें बीजेपी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन उसे अपने गढ़ में हार का मुंह देखना पड़ा है. MVA ने 457 ग्राम पंचायत सीटें जीती हैं. इसमें NCP 155 सीटें जीतकर सबसे ज्यादा फायदे में रही है, वहीं, उद्धव गुट की शिवसेना को 153 और कांग्रेस को 149 सीटों पर जीत मिली है. उधर, बीजेपी और उसके नए साथी एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को कुल 352 सीटें मिली हैं.
महाराष्ट्र में सियासी बदलाव के बाद हुए पंचायत चुनाव के नतीजे में BJP भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन उसे अपने मजबूत गढ़ में हार का मुंह देखना पड़ा है. राज्य में 18 जिलों की कुल 1165 ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजों को देखें तो कांग्रेस-एनसीपी-उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने बीजेपी-एकनाथ शिंदे को पीछे छोड़ दिया है. नागपुर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गृह क्षेत्र है. साथ ही नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय भी है. ऐसे में नागपुर में बीजेपी की हार को एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा.
हालांकि, पंचायत चुनाव पार्टी के सिंबल पर नहीं लड़े जाते हैं, जिसके चलते सही आंकड़े सामने नहीं आते हैं. ऐसे में सभी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे थे. महाराष्ट्र के 18 जिलों की 1165 ग्राम पंचायतों में रविवार को मतदान हुआ. ठाणे, पालघर, नंदुरबार, नासिक, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, सतारा, कोल्हापुर, भंडारा, गोंदिया, अमरावती, गढ़चिरौली, नागपुर, वाशिम, वर्धा, चंद्रपुर की ग्राम पंचायतों में 75 फीसदी मतदान हुआ.
ठाकरे गुट और शिंद खेमे के लिए लिटमस टेस्ट था ये चुनाव
ग्राम पंचायत के 1165 में से 115 कैंडिडेट निर्विरोध चुन लिए गए थे, जिसके बाद बाकी 1050 ग्राम पंचायत सीटों के नतीजे सोमवार देर शाम घोषित किए गए. महाविकास अघाड़ी का पल्ला भारी रहा तो एनडीए को झटका लगा है. पंचायत चुनाव इसीलिए भी अहम माने जा रहे थे, क्योंकि ये चुनाव शिवसेना के दो धड़ों में बंट जाने के बाद हुआ था. उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंद खेमे के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट माना जा रहा था.
NCP सबसे ज्यादा फायदे में रही