- राजस्थान में सरकार को लेकर हलचल
- विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश
- दो बीजेपी नेता गिरफ्तार, पूछताछ जारी
- गहलोत बोले- सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड जिस तरह का खेल कर रहे, राजस्थान में ये जनता समझ गई
- ‘सालों से कांग्रेस ने देश की लोकतंत्र को बचा रखा है,
राजस्थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों के आरोप के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर बड़ा निशाना साधा है,
जयपुर. राजस्थान में सरकार गिराने के आरोप प्रत्यारोप के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं.एक तरफ हम जिंदगी बचाने में लगे हैं। वहीं,ये लोग सरकार गिराने में लगे हुए हैं।.सभी को सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
सीएम अशोक गहलोत की प्रेस वार्ता
हम कोरोना से जंग में लगे हुए हैं। रोज वीसी करते हैं। वहीं, ये लोग सरकार किस तरह से गिरे,खरीद फरोख्त कैसे हो इसमें लगे हुए हैं। ये अब खुलकर देश के सामने आ गए हैं। साथ ही गहलोत ने कहा किबकरा मंडी में जिस प्रकार बकरे बिकते हैं, इस प्रकार ये लोग राजनीति करना चाहतीहै।
कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर एक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में ब्यावर के दो भाजपा नेताओं का नाम सामने आया है. इन नेताओं के नाम हैं भरत मालानी और अशोक सिंह. इन्हें ब्यावर उदयपुर से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने गिरफ्तार किया है. राजस्थान SOG के मुताबिक मालानी की कॉल रिकॉर्डिंग से पता चला है कि विधायकों को खरीदने की कोशिश जा रही है.
राज्यसभा चुनाव से पहले हुई थी सरकार गिराने की कोशिश
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बताया कि हथियारों की तस्करी से जुड़े मामले में दो मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया हुआ था। इन नंबरों पर हुई बातचीत से सामने आया कि राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिराने की साजिश रची गई थी। विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये देने की भी जानकारी सामने आई है। यह खुलासा कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की रिपोर्ट पर जांच के बाद एसओजी ने किया है।
एसओजी को दी गई शिकायत में लगाए ये आरोप
जोशी मे आरोप लगाया था कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के विधायकों और समर्थन दे रहे विधायकों को लालच देकर राज्यसभा चुनाव में मतदान को प्रभावित करने और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। रिपोर्ट में दो मोबाइल नंबर दिए गए हैं। आरोप है कि इन्हीं नंबरों के जरिए विधायकों से खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने की कोशिश की गई थी।