धरने पर बैठे DUTA के पदाधिकारियों का कहना है कि यह कैसे संभव है कि 15 साल से पढ़ा रहे एडहॉक साथियों की जांच हम 10 मिनट के साक्षात्कार में कर लें. साथ ही 5 दिसंबर 2019 को एमएचआरडी ने कहा था EWS रिजर्वेशन के आधार पर अतिरिक्त शिक्षकों का पोस्ट दिया जाएगा जो अभी तक नहीं मिला है.
DUTA Protest: एडहॉक शिक्षकों के समायोजन सहित कई मांगों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की तरफ से मंगलवार को जंतर मंतर पर धरना आयोजित किया जा रहा है. इसके बाद 19 और 20 अक्टूबर को भी शिक्षक अलग अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे.
डूटा अध्यक्ष प्रो एके बागी का कहना है कि DUTA लगातार कॉलेजों में कार्यरत एडहॉक शिक्षकों को निकालने का विरोध करती आ रही है. यहां जंतर मंतर में बड़ी संख्या में दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और कॉलेजों के शिक्षकों ने धरने में हिस्सा लिया. प्रो बागी ने कहा कि बीते कई वर्ष से पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षकों ने निरंतर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है, एडहॉक शिक्षकों का विस्थापन डूटा में पारित प्रस्ताव का उल्लंघन भी है. डूटा समायोजन की मांग को लेकर प्रतिबद्ध है, वह अपनी समायोजन की मांग को लेकर संघर्ष मांग पूरी न होने तक जारी रखेगा.
DUTA के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी व एकेडमिक काउंसिल मेंबर डॉ आलोक पांडेय ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय में लंबे समय से पढ़ा रहे Adhoc साथियों को permanant नियुक्ति के नाम पर बाहर किया जा रहा है, वो अशोभनीय है. लंबे समय से पढ़ा रहे साथियों को 10 मिनट के साक्षात्कार के नाम पर हटाया जा रहा है. अभी हाल ही में लक्ष्मीबाई, हंसराज कॉलेज, देशबंधु, स्वामी श्रद्धानंद और रामजस कॉलेज में परमानेंट इंटरव्यू हुआ है, वहां 14-15 साल से पढ़ा रहे बहुत से एडहॉक साथियों को बाहर किया गया है.