उत्तराखण्ड:–
- उत्तराखण्ड में दूसरे जिलों में शादियों को भी फिजिकल दूरी शर्त संग मंजूरी दी।
- उत्तराखण्ड CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिए कलेक्टरों को मंजूरी देने के आदेश…
देश भर में लॉक डाउन के कारण अन्य शहरों-जिलों में फंसे लोगों को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जबर्दस्त राहत देते हुए घर तक जाने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ शादियों का मौसम शुरू होने के कारण जिलाधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे इसकी मंजूरी तत्काल देंगे। उत्तराखंड में उम्मीद की जा रही थी कि 20 अप्रैल के बाद सरकार कुछ बड़ी राहत और छूट दे सकती है। सरकार का आज का ऐलान इसी कड़ी का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आज सुबह ही इस बारे में वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, कई लोग किसी काम, रिश्तेदारी-नातेदारी से या फिर बीमारी के ईलाज की वजह से दूसरे जिलों में गए थे। लॉक डाउन के कारण वे घर नहीं लौट पाए। वहीं फंस गए हैं। उनको राहत दे दी गई है। वे घर लौट सकेंगे। इसके लिए उनको जिलाधिकरियों से मंजूरी लेनी होगी। जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ये मंजूरी उनको घर तक जाने के लिए देंगे’।
खास बात ये है कि ऐसे लोगों की तादाद प्रदेश भर में हजारों में हैं। इसके साथ ही अन्य जिलों में शादी-ब्याह के लिए भी अगर मंजूरी मांगी जाती है तो उसको भी जिलाधिकारी देंगे। इसको रोका नहीं जाएगा। इसमें शारीरिक दूरी की शर्तों का पालन कराया जाएगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं। ये बहुत बड़ी राहत और फैसला है। शादी का सीजन शुरू होने और लॉक डाउन जारी रहने के कारण शादी वाले परिवारों में बहुत परेशानी और तनाव का माहौल था।
साथ ही जो लोग 14 दिनों के क्वारेंटाइन में हैं, उनको 15वें दिन क्वारेंटाइन से मुक्त करने के आदेश भी दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने ओलावृष्टि से नुकसान सह रहे किसानों के लिए भी राहत के कदम उठाने का आश्वासन दिया है। मटर की फसल को उचित दाम न मिलने और मांग कम होने का भी रास्ता निकालने की बात की। उन्होंने कहा कि सरकार इसको फ़्रोजन में तब्दील कर बाद में बेचने और बाहर मार्केटिंग करने के बारे में सोच रही है।
त्रिवेन्द्र ने कॉरोना वारियर्स के कामों-हौसलों की तारीफ करने के साथ ही लोगों से गुजारिश की कि उनको राहत देने और उत्साहवर्द्धन की दिशा में सब सामने आएँ। इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया कि चेहरों को ढँक के ही कॉरोना वाइरस का सामना किया जा सकता है। इसको आदत बनाना होगा। ये वाइरस 2025 तक भी रह सकता है।
उन्होंने पशुओं और पक्षियों का भी ख्याल रखने तथा उनके लिए चारे और पानी का बंदोबस्त अपने घर के आगे करने का आह्वान भी किया। साथ ही जो लोग लॉक डाउन के बाद उत्तराखंड वापिस आए हैं और अब यहीं रहना चाहते हैं, उनसे फॉर्म भराए जाएंगे कि वे क्या चाहते हैं। उनकी इच्छा के मुताबिक ही सरकार नई नीति बनाएगी।