बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें सीएम नीतीश के अलावा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा मौजूद रहेंगे। इस बैठक में बीजेपी-जेडीयू और HAM के सभी विधायक एवं एमएलसी को शामिल रहने को कहा गया है। यह बैठक विधानसभा के आज के दिन की कार्यवाही खत्म होने के बाद शाम में आयोजित होगी। इसमें मौजूदा राजनीतिक हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
विधायकों के दलबदल के बीच एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाए जाने से बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि बिहार में एक बार फिर बड़ा सियास उलटफेर हो सकता है। हालांकि, अभी तक इस बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। बैठक को बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है।
इस बैठक के एजेंडे के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। ऐसे में बीजेपी, जेडीयू और HAM के विधायकों की संयुक्त बैठक बुलाए जाने से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
दरअसल कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद अभी तक नीतीश कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। हालांकि, यह ऐसा काम है जिसके लिए विधायक दल की बैठक बुलाने की जरूरत नहीं है। ये काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद सहयोगी दलों के नेताओं से बात करके करते रहे हैं। ऐसे में जो सबसे अहम मुद्दा रह जाता है वह यही है कि अगले महीने बिहार विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन होने हैं। ऐसे में विधायक दल की बैठक में इस मुद्दे पर रणनीति जरूर बनाई जा सकती है।
उधर, दूसरी ओर, बिहार महागठबंधन में उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद से अब तक महागठबंधन के 6 विधायक पाला बदलकर सत्ताधारी गठबंधन के साथ आ चुके हैं। इनमें आरजेडी के चार और कांग्रेस के दो एमएलए शामिल हैं। पिछले दिनों विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान आरजेडी के तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। अब बीते मंगलवार को आरजेडी और कांग्रेस के तीन विधायक बीजेपी के खेमे में शामिल हो गए। रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा (रांची)