छत्तीसगढ़ के आदेड़ गांव की रहने वाली 12 साल की बच्ची जमलो मड़कम तेलंगाना से मज़दूरों के एक काफ़िले के साथ अपने घर के लिये निकली थी इसी उम्मीद से कि जल्दी ही वह अपने घर पहुंच जायेगी। जमलो मड़कम चार दिनों तक घने जंगलों के उबड़-खाबड़ रास्तों में पैदल चलती रही।
लेकिन गांव पहुंचने से 14 किलोमीटर पहले जमलो की सांस थम गई।
बीजापुर ज़िले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पदाधिकारी बी आर पुजारी का कहना है -“हमने जमलो का कोरोना टेस्ट करवाया लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी कुछ ख़ास नहीं मिला। मुझे आशंका है कि इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस के कारण बच्ची की मौत हुई होगी। फ़िलहाल बच्ची का बिसरा सुरक्षित रखा गया है, उसकी जांच के बाद शायद कुछ पता चले। “
जमलो के पिता आंदोराम कहते हैं-“साथ के मज़दूर बता रहे थे कि रात को सब लोगों ने ठीक से खाना खाया और आराम किया था। सुबह जब खाना खा कर सब लोग निकल रहे थे तो उसी समय उसुर गांव के पास जमलो के पेट में दर्द हुआ। पता नहीं फिर क्या हुआ हमारी जमलो को और उसने वहीं दम तोड़ दिया। “