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अमृतलाल नागर के जन्म जयंती वर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन! प्रसिद्ध लेखिका….

आज दिनांक 17.08.2024 को कालीचरण पी0जी0 काॅलेज, लखनऊ में अमृतलाल नागर जी के जन्म जयंती वर्ष के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बागवान, निकाह, आखिर क्यों जैसी फिल्मों की पटकथा लेखिका और नागर जी की सुपुत्री अचला नागर जी की गरिममयी उपस्थिति से महाविद्यालय गौरवान्वित हुआ। महाविद्यालय में नागर जी के चित्र का अनावरण अचला नागर जी के कर-कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपना परिचय देते हुए आपने कहा कि – ’मै बाबू जी (नागर जी) की पुत्री हूँ इससे बड़ा मेरा परिचय और क्या हो सकता है। उनके द्वारा साहित्य के जो संस्कार मिले हैं, उन्ही को आगे बढ़ा रही हूँ। भारत सरकार ने तीन तलाक पर जब कानून बनाया उस समय समाचार चैनलों पर ’निकाह’ फिल्म के दृश्य बार-बार दिखाये जा रहे थे और वह इस कानून के लिए एक मजबूत आधार भी बनी, तब ऐसा महसूस हुआ कि बाबू जी की बात को मै देश वासियों तक पहुुचाने में सफल हुई। इस अवसर पर नागर जी की पौत्र वधु सविता नागर जी ने बाबू जी के जीवन से जुड़ी अनेक घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि ’नागर जी मशीन से मनुष्य बनने का आधार हैं।’
महाविद्यालय के प्रबंधक इं0 वी0के0 मिश्र जी ने अचला नागर जी का स्वागत किया और कहा कि अमृतलाल नागर जी का साहित्य सम्पूर्ण विश्व को दिशा दिखाने वाला है और हमारे महाविद्यालय के लिए यह और भी गौरव का विषय है कि वो यहाँ के छात्र रहे हैैं। नागर जी हम सभी के प्रेरणास्रोत रहे हैं, उनके व्यक्तित्व से सभी लाभान्वित होते रहे इसलिए प्रबंध समिति ने दिनांक 13.08.2024 को अपनी बैठक में सर्वसम्मति से बहूद्देशीय सभागार का नाम अमृतलाल नागर सभागार कर दिया है। प्रबंध समिति के सदस्य अमित टण्डन जी ने कहा कि नागर जी को लखनऊ की जितनी जानकारी थी उतनी शायद और किसी को नहीं थी। वो लखनऊ के गूगल थे। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 चन्द्र मोहन उपाध्याय ने कहा कि नागर जी भाव जगत के प्रजापति थे। मानवीय भावनाओं का जैसा सृजन नागर जी ने किया है वैसा अन्य कोई नहीं कर पाया है। क्षेत्र के पार्षद अनुराग मिश्रा जी ने नागर जी के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए उन्हीं के शब्दों को कोड करते हुए कहा कि ’जिन्दगी लैला है, इसको मजनू की तरह जिया जाए।’ महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका अर्चना मिश्रा जी ने नागर जी के साहित्य पर चर्चा करते हुए कहा कि खंजन नयन और मानस का हंस जैसे उपन्यासों की रचना करके सूर और तुलसी जैसे महान कवियों को बड़े ही सरल शब्दों में जनसामान्य को समझने का अवसर दिया है। समाजशास्त्र के प्राध्यापक वी0एन0 मिश्र जी ने कहा कि नागर जी का जीवन हम सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। इस अवसर पर अचला नागर जी ने नागर जी के जीवन पर प्रकाश डालने वाली काॅफी टेबल बुक और उनके जीवन पर लिखी स्वयं की पुस्तक महाविद्यालय को भेट की। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य एम0पी0 सिंह जी, चन्द्र प्रकाश गर्ग जी तथा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण उपस्थिति रहे।

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