उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है। सुरंग के अंदर 40 से अधिक मजदूर फंसे हुए हैं, जबकि बचाव दल सुरंग में 15 मीटर तक घुसने में कामयाब रहे। बचावकर्मियों का कहना है कि फंसे हुए 40 श्रमिकों के स्थान तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर अधिक मलबा साफ करना होगा। बचावकर्मियों ने फंसे हुए श्रमिकों के साथ संचार स्थापित कर लिया है।
उत्तरकाशी के सर्कल अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि मलबा लगभग 60 मीटर गहरा है। जैसे ही हम मलबा हटा रहे हैं, यह ऊपर से गिर रहा है। वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया था। बचावकर्मी सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर की दूरी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बगल में अपना रास्ता बना रहे हैं।
वही ,एनडीआरएफ की टीमों का कहना है कि अंदर फंसे मजदूरों को नाश्ता और पानी दिया गया है। उन्हें उम्मीद है कि आज शाम तक वे मलबे को तोड़कर मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे। हम फंसे हुए श्रमिकों को कुछ चिप्स और पानी देने में कामयाब रहे हैं। हम पुष्टि कर सकते हैं कि श्रमिक सुरक्षित स्थिति में हैं।
एनडीआरएफ के सहायक कमांडर कर्मवीर सिंह भंडारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है, हमें उम्मीद है कि आज शाम तक हम मलबे को तोड़ देंगे और फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए घटनास्थल तक पहुंच जाएंगे। प्लास्टर का काम पूरा न होने के कारण सुरंग ढह गई।
पीआरडी जवान रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि मजदूरों को बचाने का काम बहुत तेजी से चल रहा है। हर कोई बहुत मेहनत कर रहा है। हम कल बेहद दुखी थे क्योंकि हम फंसे हुए लोगों से बात नहीं कर पा रहे थे। लेकिन अब हम उनसे बात कर रहे हैं।
लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि मकिंग का काम चल रहा है। लोडर और एक्सकेवेटर से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। सुरंग का लगभग 30-35 मीटर हिस्सा टूट गया है। घटना रविवार की सुबह 5:30 बजे के आसपास हुई थी। हमारे पास लगभग 40-45 लोगों के फंसे होने की जानकारी है। सभी सुरक्षित हैं।