कोरोना संक्रमण से बचाव में उत्तराखंड के लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई मोबाइल एप्लीकेशन आरोग्य सेतु के प्रति लोगों की बेरुखी से इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उत्तराखंड में लगभग 50 लाख स्मार्ट फोन हैं, लेकिन अभी तक महज 12 लाख लोग ही इस एप से जुड़े हैं।
देशवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु एप तैयार किया है। इस एप को डाउनलोड कर लोगों को अपने स्वास्थ्य सबंधी जानकारी दर्ज करनी होती है। यह एप न केवल लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जानकारी देता है बल्कि आसपास कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज होने पर इसका अलर्ट भी देता है।
एप डाउनलोड करने के बाद स्वास्थ्य विभाग के पास भी मरीज और लोगों की जानकारी रहती है। एप के जरिए कोरोना पॉजिटिव के मूवमेंट के बारे में भी पता किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के आईईसी अफसर जेसी पांडे मानते हैं कि समाज को कोरोना से बचाने में यह एप खासा कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि लोग एप में सही सूचना भरें और ज्यादा से ज्यादा लोग एप को अपने फोन में डाउनलोड करें।
सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य : सरकारी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य किया है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का मानना है कि सभी सरकारी कर्मचारियों ने अभी एप डाउनलोड नहीं की है। हालांकि विभाग के पास एप डाउनलोड करने वाले कर्मचारियों का आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। अफसरों ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के संबंध में आंकड़ा जुटाया जा रहा है।
सामान्य फोन के लिए भी आरोग्य सेतु
एनएचएम के अपर निदेशक डॉ.अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि सरकार ने स्मार्ट फोन के अलावा सामान्य फोन के लिए भी आरोग्य सेतु का एक वर्जन तैयार किया है। यह दरअसल में एक टोल फ्री नम्बर है। 1921 नम्बर पर लोगों को सामान्य फोन या लैंड लाइन से मिस कॉल करनी है। उसके बाद आपको कॉल आएगी।
आपसे स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां पूछी जाएंगी। इसके बाद विभाग के पास आपका रिकार्ड रहेगा और इस टोल फ्री नम्बर के जरिए लगातार व्यक्ति से संपर्क रखा जाएगा ताकि कोरोना के लक्षण आने की दशा में व्यक्ति को इलाज दिलाया जा सके। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि सभी जिला अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा इस बारे में जानकारी भेजी गई है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा जाए।