अमेरिका ने हाल ही में लद्दाख में भारत चीन सीमा पर तनाव को लेकर भारत का साथ देते हुए चीन के रवैये की आलोचना की थी। अमेरिका की वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ ने चीन के व्यवहार को उकसाने और परेशान करने वाला बताया था। ऐसे में इसपर जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने इसे पूरी तरह बकवास बताया और कहा कि अमेरिका को भारत और चीन के बीच संचार चैनल बनने की जरूरत नहीं।
अमेरिका के प्रमुख उप सहायक सचिव एलिस वैल्स ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि- यह एक चेतावनी है कि चीनी आक्रमण हमेशा सिर्फ बातों का नहीं रहा है और चाहे वह दक्षिण चीन सागर में हो या चाहे वह भारत के साथ सीमा पर हो, हम चीन द्वारा उकसाने और परेशान करने वाले व्यवहार को देखते रहते हैं कि अपनी बढ़ती शक्ति का उपयोग कैसे करना चाहता है।
वेल्स ने कहा, ”इसलिए आप देख रहे हैं कि एक समान विचार वाले देश एकत्रति हो रहे हैं। चाहे वह आशियान के जरिए या या दूसरे कूटनीतिक समूहों के जरिए।” उन्होंने कहा कि अमेरिका, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और दूनिया के दूसरे देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बने आर्थिक सिद्धातों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं, जो सबके लिए मुक्त और खुले व्यापार की बात करता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एलिस वैल्स के जवाब में कहा कि अमेरिकी राजनयिक की टिप्पणी केवल बकवास है। चीन-भारत सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। चीन की सीमा टुकड़ी भारतीय पक्ष के क्रॉस ओवर और उल्लंघन गतिविधियों से दृढ़ता से निपटती है।